spot_img
Homeदेश - विदेशनेपाल में लैंडस्लाइड के एक महीने बाद लापता यात्रियों और दो बसों...

नेपाल में लैंडस्लाइड के एक महीने बाद लापता यात्रियों और दो बसों की तलाश जारी, जानिए अब तक का अपडेट

क्राइम मुखबिर से उप संपादक रतन गुप्ता की रिपोर्ट

पड़ोसी देश नेपाल में 12 जुलाई को तड़के भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उनमें सवार लापता 60 से ज्यादा यात्रियों का अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है।


नेपाल में भूस्खलन के एक महीने बाद लापता यात्रियों और दो बसों की तलाश जारी है। चितवन जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के एक महीने बाद, जिसमें दो बसें त्रिशूली नदी में बह गईं थी, उसके लापता यात्रियों की तलाश और बचाव अभियान जारी है, जिनमें दो भारतीय और वाहन भी शामिल हैं।

कई यात्रियों का नहीं लगा पता

रिपोर्ट के मुताबिक भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12 सदस्यीय टीम की तैनाती सहित व्यापक खोज अभियान अभी तक लापता दो बसों और भूस्खलन में बह गए कई यात्रियों का पता नहीं लगा पाए हैं।

चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उफनाई त्रिशूली नदी में बह गईं।


अब तक 5 भारतीयों के शव मिले

भूस्खलन 12 जुलाई को चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर उस वक्त हुआ था, जब भारी बारिश के कारण सात भारतीयों सहित 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें बह गईं। घटना के तुरंत बाद तीन लोग तैरकर सुरक्षित निकल गए। अब तक पांच भारतीय नागरिकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि दो अभी भी लापता हैं।
खोजी दलों को अब तक नारायणी नदी के तट और त्रिवेणी बांध क्षेत्र में 25 शव मिले हैं, जो घटनास्थल से लगभग 103 किलोमीटर नीचे की ओर है। हालांकि, नीचे की ओर मिले केवल 19 शवों की ही घटना में लापता लोगों के होने की पुष्टि हुई है। तलाशी अभियान के पहले चरण के बाद भारतीय टीम 29 जुलाई को लौट आई थी।

11 सदस्यीय एक टीम चला रही अभियान

नेपाली सुरक्षा बलों ने उसी दिन तलाशी अभियान का दूसरा चरण शुरू किया था। वरिष्ठ अधीक्षक माधव पौडेल ने कहा, “हम घुमाउने केराबारी से भोर्ले तक, दुर्घटनास्थल से कई मीटर नीचे की ओर स्थित नदी के एक हिस्से तक नियमित निगरानी कर रहे हैं। 11 सदस्यीय एक टीम इस प्रयास के लिए समर्पित है।”

कैसे हुआ लैंडस्लाइड? जांच टीम ने बताया

उन्होंने कहा कि नारायणघाट के आपटारी में सशस्त्र पुलिस बल की 17वीं बटालियन में गोताखोरों की एक टीम स्टैंडबाय पर है। एसएसपी पौडेल ने कहा, “हम बस के मलबे को खोजने की उम्मीद में दुर्घटना स्थल से नीचे की ओर इन क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।” घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय टास्क फोर्स ने निष्कर्ष निकाला कि नारायणघाट-मुग्लिन राजमार्ग के ऊपर एक ग्रामीण सड़क के निर्माण से मलबे और बजरी के जमा होने से भूस्खलन हुआ और बसें बह गईं।

क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक!

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!