महराजगंज संवाददाता शिवानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट
महराजगंज। सनातन धर्म ऋषियो के व्दारा हरितालिका पर्व माताओ का विशेष पर्व है। भाद्रपद शुक्लपक्ष तृतीया के दिन मनाया जाने वाला हरितालिका तीज पर्व, आज वैदिक सनातन हिंदू महिलाओं द्वारा देवाधिदेव महादेव की पूजा करके मनाया जाता है। इस दिन माताएं विशेष तौर पर निर्जला व्रत का पालन करती है। नौतनवा के बनैलिया मंदिर पूर्व की भांति इस वर्ष भी मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया गया।
हरितालिका तीज पर्व को लेकर आई ये जानते हैं कुछ जानकारी सतयुग में, हिमालय की पुत्री पार्वती ने गौरी घाट पर तपस्या करके श्री महादेव से पति का वरदान प्राप्त किया था। लेकिन जब पिता, हिमालय, ने माता पार्वती की इच्छा के विरुद्ध विष्णु जी से विवाह करने का प्रयास किया, तो उन्होंने अपनी सखी को अपनी समस्या बताई। यह जानकर कि सखी पार्वती संकट में है उनकी सखियों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें ऐसे स्थान पर छिपा दिया, जहां कोई उन्हें देख ना सके। जिस स्थान पर उनकी सखियों ने उन्हें छुपाया था वहीं पर पार्वती ने निराहार व्रत किया और महादेव को प्राप्त किया।
इस प्रकार जिस दिन पार्वती की सखियों ने अपहरण की वह दिन भाद्र शुक्ल तृतीया का था , इसलिए धार्मिक मत है कि तभी से हरितालिका तीज का व्रत करने की प्रथा शुरू हुई हरितालिका संस्कृत के दो शब्दों हरित और आलिका से मिलकर बना है हरितालिका तीज के संदर्भ में हरित शब्द का अर्थ है हरण और आलिका शब्द का अर्थ है सखी।
सतयुग में इसी दिन पार्वती जी ने श्री महादेव स्वामी को प्राप्त कर निराहार व्रत किया था। महिलाएं इस विश्वास से इस दिन व्रत रखती हैं कि उनकी मनोकामनाएं पूरी होगी अधिक से अधिक मात्रा में महिलाएं पूजा करती मंदिर के प्रांगण में। और मंदिर में प्रशासन की व्यवस्था बहुत दुरुस्त रही नौतनवा थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह के साथ SI तनु दुबे विकास गौड़ आदि पुलिस बल तैनात रही।
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