सशक्त नारी सशक्त भारत पर आयोजित हुआ व्याख्यान
सशक्त नारी से ही देश होगा सशक्त-डॉ. ज्योत्सना पांडेय
नारी शक्ति से ही संभव है विकसित भारत का लक्ष्य-डॉ. राकेश तिवारी
नारी सम्मान सभी का कर्तव्यबोध- डॉ रामपाल यादव
नारी सशक्तिकरण में चरित्र निर्माण की भूमिका अहम- सपना सिंह
चौक बाजार महराजगंज गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय युगपुरुष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन हांग महंत अवेद्यनाथ के पूर्ण स्मृति मे समस्त बिधालय के शिक्षक और शिक्षिकाएं नारी सशक्त भारत कार्यक्रम संचालन किया छात्र छात्राओ ने समस्त आयोजित व्याख्यान पर नारीयो पर सम्बोधित कर लोगो का उत्साहवर्धन किया पर नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं और जहां पर नारियों का तिरस्कार होता है वहां पर दरिद्रता निवास करती है। भारतीय संस्कृति में नारी को सदैव ही सम्मान की दृष्टिकोण से देखा जाता है ।वेद उपनिषद तथा अन्य ग्रन्थों में नारियों की वृहद रूप से चर्चा की गई है। निश्चित ही यदि किसी देश को सशक्त और समृद्ध होना है तो नारियों का सम्मान जरूरी है। नारी सुरक्षित रहेंगी तो देश सुरक्षित रहेगा। उक्त बातें युगपुरुष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज की पूर्ण स्मृति में सशक्त नारी सशक्त भारत विषय पर आयोजित व्याख्यान में जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज की प्राचीन इतिहास विभाग की सहायक आचार्य डॉ. ज्योत्सना पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही नारी समाज को दिशा और दशा देने का कार्य की है। आज भी वह देश को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय के डॉ. रामपाल यादव ने कहा कि देश के विकास में नारी का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए समृद्धशाली नारी से समृद्ध देश बनेगा। कार्यक्रम में दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि वेदों और उपनिषदों के साथ ही अनेक शास्त्रों में नारी के गौरवशाली परंपरा की चर्चा की गई है । बीच में आक्रांताओं के कारण नारी पर्दा प्रथा की शिकार हुई लेकिन आज की नारी इतिहास को बदलने के लिए तैयार हैं। आज सभी क्षेत्रों में नारी अपना परचम लहरा रही हैं। निश्चित रूप से विकसित भारत की कल्पना को नारी ही साकार कर सकती हैं। कार्यक्रम में आभार प्रकट करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या सपना सिंह ने कहा कि समृद्ध नारी तभी हो सकती है जब तक उनमें चारित्रिक विकास हो क्योंकि चरित्र निर्माण किसी भी नारी के लिए बहुत बड़ा स्तंभ है। इसके द्वारा वह अपने आप को तथा समाज को और राष्ट्र को सशक्त कर सकती हैं। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती एवं द्वय महाराज जी के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन से हुआ। छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना स्वागत गीत तथा श्रद्धांजलि गीत की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का संचालन अंजलि त्रिपाठी द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं- विपिन कुमार, संदीप यादव, आनन्द कुमार शुक्ल, कावेरी जायसवाल , प्रतिभा पांडे, अंजलि त्रिपाठी, रतनप्रिया मिश्रा,श्रीमती सरिता मिश्रा, शीला मिश्रा एवं गिरिजेश शर्मा, कमलेश वर्मा एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहें।