सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। नगर पालिका परिषद रायबरेली इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बनी हुई है। जिसका नतीजा है की गंदगी और सीवर जाम के कारण शहर नर्क बन गया है। आज शहर वासियों का कहना है कि शहर में कोई भी ऐसा मोहल्ला, गली, इलाका नहीं है। जहां पर गंदगी ने अपना साम्राज्य कायम नही कर लिया हो । लेकिन दो दिनों से देखा जाए तो नगर पालिका में पहले अध्यक्ष ने बोर्ड बैठक में ईओ पर आरोप लगाते हुए सभासदों के साथ खुद मैदान में उतर गए और आज एक संघ ने आज जलकल विभाग में पहुंचकर हड़ताल का प्रस्ताव पेश कर दिया। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल जो जनता के बीच था वह यह कि आखिर नगर पालिका में जो बैकलाग के 42 कर्मचारी तथा कथित बाबू बनकर कुर्सी तोड़ रहे हैं और अपने मूल पद सफाई कर्मी के तौर पर नियुक्त बिना काम किए हुए सफाई कर्मचारी की तनख्वाह ले रहे है । उन पर पालिका अध्यक्ष और हड़ताल करने वाले संघ और ईओ ने अपनी आवाज बुलंद आज तक नही उठाई की आखिर ये कर्मी किसकी गोद में पाले जा रहे है। जब की 43 कर्मचारियों के काम ना करने से शहर में जो गंदगी फैल रही है । उसे भी जिला प्रशासन द्वारा दूर किराए जाने का प्रयास किया जा सकता है। लेकिन कहते हैं की राजनीति के आगे सब कुछ जायज है ।