रतन गुप्ता उप संपादक 27/9/2024
महराजगंज के सोहगीबरवा सेंक्चुरी में बौद्ध धर्म और ईको टूरिज्म के आकर्षण बढ़ रहे हैं। रामग्राम में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश की मान्यता है, जिससे यह स्थल धार्मिक महत्व रखता है। यहां जंगल सफारी और अन्य…
महराजगंज,/ जैव विविधता से परिपूर्ण सोहगीबरवा सेंक्चुरी की वादियों में बौद्ध व ईको टूरिज्म के कई ऐसे स्थान हैं, जहां शांति व पर्यटन की चाह रखने वाले सैलानी बरबस ही आकर्षित होते रहते हें। यहां आने वाले पर्यटक न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं बल्कि बौद्ध धर्म से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों के दर्शन भी करते हैं।
रामग्राम क्षेत्र में भगवान बुद्ध के आठवें अस्थि कलश की उपस्थिति की मान्यता है, जिससे यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। पुरातत्व विभाग ने यहां उत्खनन के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे इस स्थान की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके। रामग्राम में भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह में भी बौद्ध भिक्षु नियमित रूप से दर्शन करने आते हैं।
यह स्थल उनके जीवन और शिक्षाओं से जुड़ी यादों को संजोए हुए है।इसके अलावा, सोहगीबरवा सेंचुरी में ईको टूरिज्म के अंतर्गत भी कई परियोजनाएं चल रही हैं। निचलौल रेंज के दर्जीनिया ताल में मगरमच्छों को देखने के लिए पर्यटक आते हैं। यह स्थान वन्यजीव प्रेमियों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है, जो यहां आकर इन दुर्लभ जीवों को देखने का आनंद लेते हैं।
पूर्वांचल की पहली जंगल सफारी में ईको टूरिज्म का विस्तार:
सेंचुरी के दक्षिणी रेंज में पूर्वांचल की पहली जंगल सफारी का उद्घाटन हो चुका है, जो ईको टूरिज्म के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जंगल सफारी के माध्यम से पर्यटक यहां के समृद्ध वन्य जीवन और प्राकृतिक संपदा को करीब से देख सकते हैं।
इसके अलावा, यहां कई अन्य ईको टूरिज्म परियोजनाएं भी तैयार की जा रही हैं, जो आने वाले समय में पर्यटकों के लिए नए आकर्षण का केंद्र बनेंगी। रामग्राम में एक भव्य रेस्ट हाउस और मेडिटेशन सेंटर का निर्माण कार्य भी जारी है, जो विशेष रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायियों और साधकों के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह मेडिटेशन सेंटर ध्यान और आत्म-चिंतन के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान प्रदान करेगा।
पर्यटन विभाग भी करोड़ों के परियोजना पर करा रहा काम:
पर्यटन विभाग जिले में पर्यटन विकास के लिए करोड़ों रुपये की 24 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जो इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। बौद्ध धर्म और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए सोहगीबरवा सेंचुरी आने वाले समय में एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनकर उभरेगा।