रतन गुप्ता उप संपादक 1/10/2024
वर्धमान ग्रुप के प्रमुख एसपी ओसवाल के साथ 7 करोड़ रुपये की ठगी के प्रकरण में नया खुलासा हुआ है। दरअसल आरोपियों ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकरसुप्रीम कोर्ट में फर्जी सुनवाई भी की थी।जांच में पता चला है फर्जी वकील बनकर एक शख्स सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहा था
फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पंजाब पुलिस ने काफी पड़ताल की है। लुधियाना के डीसीपी जसकिरनजीत सिंह तेजा ने जानकारी दी कि वर्धमान ग्रुप के सर्वेसर्वा एसपी ओसवाल के साथ ठगी के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 7 आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष है। इस मामले में लगभग 5 करोड़ 25 लाख रुपये की रकम बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि 2 आरोपियों को गुवाहाटी से गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीसीपी जसकिरनजीत सिंह तेजा ने बताया कि साइबर ठगों ने सीबीआई अफसर बनकर एसपी ओसवाल को फोन किया था। जिसमे कहा कि आपके कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण बनता है। यह मामला ईडी को ट्रांसफर किया जा रहा है। इतना ही नहीं ठगो ने ओसवाल से यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जा चुका हैं। जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
साइबर जालसाजों ने सीबीआई कार्यालय से बात करने का झांसा देकर एसपी ओसवाल को वीडियो कॉल भी की थी।जब पैसों को लेकर बातचीत हो गई, तो उनके बचाव में फोन पर सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई भी की गई, जिसमें एक व्यक्ति फर्जी अधिवक्ता बनकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहा था। उसका नाम लेकर सुनवाई चल रही थी।
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इसी वजह से एसपी ओसवाल ने एक-एक करके साइबर ठगों को चार करोड़ और फिर तीन करोड़ दूसरे खाते में ट्रांसफर किए गए।डीसीपी जसकिरनजीत सिंह ने जानकारी दी कि शिकायत मिलने के दो दिन पश्चात हमारी साइबर क्राइम टीम ने बेहतर काम किया और 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर 5 करोड़ 25 लाख रुपये बरामद कर किए गए हैं।
पुलिस अफसर ने बताया कि कारोबारी सतर्क रहें. साइबर अपराधी काफी प्रोफेशनल तरीके से इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।