उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सिर्फ 20 हजार रुपये में नकली शादी का प्रमाण पत्र उपलब्ध करा रहे थे। यह काम एक साइबर कैफे में चल रहा था। पुलिस को जब इस बारे में सूचना प्राप्त हुई, तो उन्होंने तुरंत इस साइबर कैफे पर छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया तथा उनके पास से तीन मॉनिटर, तीन सीपीयू, तीन कीबोर्ड, दो प्रिंटर और तीन नकली विवाह प्रमाण-पत्र बरामद किए।यह मामला प्रयागराज के कैंट इलाके के अजय इंटरप्राइजेज नामक साइबर कैफे का है, जहां पर यह धोखाधड़ी चल रही थी। पुलिस को खबर प्राप्त हुई थी कि यहां 20 हजार रुपये में नकली मैरिज सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। जब पुलिस ने छापेमारी की, तो मौके पर शेषमणि दुबे उर्फ राजा और अनिल प्रजापति नाम के व्यक्ति मिले। सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने पूरी सच्चाई उगल दी। उन्होंने बताया कि वे बहुत वक़्त से फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाने का काम कर रहे थे। वही इस मामले का खुलासा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका के चलते हुआ। कुछ शादीशुदा जोड़ों ने सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के चलते पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मैरिज सर्टिफिकेट बनाए जा रहे थे, तथा इसके लिए जोड़ों से 20 हजार रुपये लिए जा रहे थे। इन सर्टिफिकेट्स के लिए फर्जी आधार कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट, तथा यहां तक कि नाबालिग लड़कियों के बालिग प्रमाण पत्र भी तैयार किए जा रहे थे। उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रयागराज पुलिस को जांच का निर्देश दिया। डीसीपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह उच्च न्यायालय में दाखिल एक याचिका के आधार पर पकड़ा गया। पुलिस टीम ने गहनता से जांच की एवं नकली मैरिज सर्टिफिकेट बनाने का खुलासा किया। अब अजय इंटरप्राइजेज के मालिक अजय चौरसिया की भूमिका की भी जांच की जा रही है, तथा आगे की जांच में जो साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी
रतन गुप्ता उप संपादक