नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा खामेनेई को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है।
कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने लिखा है कि 55 वर्षीय खामेनेई ने शारीरिक ख़राब स्वास्थ्य के कारण यह निर्णय लिया है । हालाँकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, ईरान की विशेषज्ञों की सभा ने 26 सितंबर को एक नया सर्वोच्च नेता चुना।
खामेनेई ने स्वयं सभा के 60 सदस्यों को बुलाया और उनसे गुप्त रूप से उत्तराधिकारी के बारे में निर्णय लेने को कहा। सभा ने मुजतबा का नाम सर्वसम्मति से पारित कर दिया ।
अपने पिता की तरह मुज्तबा को इस्लामिक मामलों का जानकार माना जाता है।
वह पहली बार 2009 में सुर्खियों में आये थे. जब उन्होंने ईरान में विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सख्ती बरती तो कई लोगों की मौत हो गई।
तब राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी नेता महमूद अहमदीनेजाद ने सुधारवादी नेता मीर होसैन मौसवी को हराया था ।
सुधारवादी नेताओं ने दावा किया है कि चुनाव में व्यापक अनियमितताएँ हुईं। फिर लाखों लोग सड़कों पर उतर आए ।
इसे ‘ईरानी हरित आंदोलन’ नाम दिया गया. यह दो साल तक चला, लेकिन ईरानी सरकार ने इसे बलपूर्वक दबा दिया। इसके पीछे मुज्तबा खामेनेई का दिमाग बताया जाता है।
बताया जा रहा है कि मुज्तबा को सुप्रीम लीडर बनाने की तैयारी 2 साल से चल रही है ।
हालांकि मुजतबा किसी सरकारी पद पर नहीं हैं लेकिन देखा गया है कि अहम फैसलों में उनकी भागीदारी लगातार बढ़ी है ।
उन्हें एक रहस्यमय व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता है। वह अपने पिता की तरह सार्वजनिक भाषण भी नहीं देते ।
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