नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल। यह बात सामने अाई है कि सऊदी अरब इस साल अब तक 101 विदेशियों को फांसी दे चुका है।
यह संख्या 2022 और 2023 की तुलना में तीन गुना अधिक है। उन वर्षों के दौरान, सऊदी सरकार ने केवल 34/34 लोगों को फाँसी दी।
इस वर्ष जिन विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई उनमें पाकिस्तान से 21, यमन से 20, सीरिया से 14, नाइजीरिया से 10, मिस्र से नौ, जॉर्डन से आठ और इथियोपिया से सात शामिल हैं।
इसी तरह, सूडान, भारत और अफगानिस्तान से तीन-तीन और श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलीपींस से एक-एक को मौत की सजा सुनाई गई है।
हाल ही में एक यमनी नागरिक को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में फाँसी दे दी गई।
मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब द्वारा मृत्युदंड के बढ़ते इस्तेमाल की तीखी आलोचना की है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सितंबर में इस पर चिंता जताई थी और मौत की सज़ा ख़त्म करने की मांग की थी ।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अन्य संगठनों ने भी सऊदी अरब से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और मौत की सज़ा जैसी कठोर सज़ाओं को रोकने का आह्वान किया है।
सऊदी सरकार ने कहा है कि वह नशीली दवाओं पर नियंत्रण और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
2024 के शुरुआती महीनों में फांसी की इतनी बड़ी संख्या सऊदी न्याय प्रणाली पर गंभीर बहस का विषय बन गई है।
क्राइम मुखबिर न्यूज
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