नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को बारूदी सुरंगें मुहैया कराने पर सहमत हो गए हैं।
कीव को अमेरिकी मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत देने के कुछ ही दिनों के भीतर बाइडेन बारूदी सुरंगें देने के लिए राजी हो गए ।
मंगलवार को ही यूक्रेन ने रूसी धरती पर अमेरिका निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलें दागीं। रूसी अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित पांच मिसाइलों को मार गिराया। रूस ने कहा है कि उनमें से चार को रूसी रक्षा प्रणाली ने निष्क्रिय कर दिया है ।
पिछले हफ्ते ही बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर लंबी दूरी की मिसाइलें लॉन्च करने की इजाजत दी थी ।
बाइडन प्रशासन ने यूक्रेन को आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (एटीएसीएमएस) के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
अमेरिकी निर्मित ATACMS लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।
ATACMS के साथ-साथ अमेरिका ने यूक्रेन को लॉकहीड मार्टिन बैलिस्टिक मिसाइलें भी उपलब्ध कराई हैं।
इससे पहले अमेरिका कहता रहा है कि ऐसी मिसाइलों का इस्तेमाल सिर्फ यूक्रेनी क्षेत्र में ही किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति बिडेन यूक्रेन को ऐसे हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से यह कहते हुए इनकार करते रहे हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध बढ़ जाएगा।
लेकिन सत्ता में केवल दो महीने शेष रहते हुए, बिडेन ने अपनी पिछली नीति बदल दी है और हथियारों के उपयोग की अनुमति दे दी है।
जनवरी में सत्ता छोड़ने जा रहे बाइडेन के हालिया फैसले से ऐसा लग रहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जंग और तेज होगी ।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की भागीदारी के समान है।
उसने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को आधुनिक युद्धपोत और लड़ाकू विमान मुहैया कराने को रूस और नाटो के बीच युद्ध के रूप में देखा जाएगा।
इससे पहले पुतिन ने भी चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।
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