रायबरेली संवाददाता संदीप मिश्रा की रिपोर्ट
जिले की गुरुबक्सगंज पुलिस अपने आप को इतनी ईमानदार बताती है कि किसी भी मामले में किसी को भी उठाकर बंद कर देती है। मामला चाहे जैसा भी क्यों ना हो। बशर्ते उसमें थाने को अनुदान मिलना चाहिए। बिना अनुदान के मामलो में यहां की पुलिस मौन धारण कर लेती है फिर मामला नाबालिक के बाल खींचकर भरे गांव सामने पीटने का मामला ही क्यों न हो थाने की पुलिस हिल नही सकती है । अब तो हाल यह हो गया है कि उच्च अधिकारियों के आदेश भी थाने तक नहीं पहुंच पाते हैं। मामला बरगदिहा मजरे बरउआ का है। जहां की रहने वाली रूपरानी ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज करवाई है की गांव के ही रामनारायण और उसके पुत्र कुलदीप और संजय रंजिशन उसको गालियां देने लगे विरोध करने पर ये लोग उसे मारने के लिए दौड़े जिस पर वह अपने घर के भीतर भाग गई। लेकिन दबंगों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा । घर में घुसकर उसे जमकर मारा पीटा । यहीं नहीं जब उसकी नाबालिक बेटी उसे बचाने आई तो उसे भी मारा पीटा। उसके बाल पकड़ के घर से बाहर खींचकर निकाला, फिर मारा और उसे निर्लज करने का प्रयास किया । इतना सब हो जाने के बाद जब पीड़िता थाने पहुंची तो नियमतः पहले पुलिस को प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए और उसका मेडिकल कराकर मामले की जांच कर उचित धारा में मुकदमा दर्ज कर कर कार्रवाई करनी चाहिए। जैसा कि उच्चधिकारी हमेशा अपनी गोट फसने पर रटा हुआ जवाब देते हैं। लेकिन इस मामले में उल्टा हो गया ना तो पुलिस में महिला का की रिपोर्ट दर्ज की नहीं उसका मेडिकल कराया और ना ही आरोपियों पर कोई कार्यवाही की। इन सब के बाद जब महिला पुलिस कार्यालय पहुंच कर अपनी शायद दर्ज कराई तो उसे एक बार फिर मुख्यालय से थाने भेजा गया । जहां जाने पर उसे एक बार फिर दुत्कार मिली और उसकी रिपोर्ट आज भी नहीं दर्ज हुई। तो कुछ इस तरह से चल रहा है जिले का गुरुबक्सगंज थाना जहां पर पुलिस अपनी मनमानी रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करती है।
क्राइम मुखबिर न्यूज
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