नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – नेपाल में जन्मे भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक काठमाण्डौ पहुंचे हैं.
शुक्रवार सुबह काठमाण्डौ पहुंचे राजा जिग्मे का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री आरजू राणा ने स्वागत किया।
भारत भ्रमण के बाद उनका आज स्वयंभू और बौधनाथ के दर्शन कर स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है।
यह राजा जिग्मे की नेपाल की औपचारिक यात्रा नहीं है। अपनी भारत यात्रा के दौरान वह पारगमन के लिए नेपाल में केवल एक से दो घंटे ही रुकेंगे। भूटान के राजा जिग्मे राजा के नेपाल आने के बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी ।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक वांगचुक का बौधनाथ और स्वयंभूनाथ जाने का कार्यक्रम है ।
बौद्धनाथ, स्वयंभूनाथ और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है जहां भूटानी राजा दर्शन के लिए जाऐंगे।
राजा के साथ, मेहमान दल में ऊर्जा मंत्री, विदेश सचिव, नेपाल में भूटानी राजदूत, सुरक्षा अधिकारी और अन्य शामिल हैं।
राजा जिग्मे का जन्म 1980 में नेपाल के एक प्रसूति अस्पताल में हुआ था।
उनका जन्म उनकी मां चिरांग योंग डोनले की इच्छा के अनुसार नेपाल में हुआ था। साथ ही नेपाल में अच्छे अस्पतालों के कारण तत्कालीन रानी की डिलीवरी नेपाल में हुई थी।
जानकारों के अनुसार यह भी कहा जाता है कि तत्कालीन रानी चिरांग ने हलेसी महादेव के मंदिर में पूजा की थी और जिग्मे पुत्र के रूप में पैदा हुए थे ।
उस समय राजा बीरेंद्र का भूटानी राजपरिवार के प्रति सहयोग और सद्भावना थी। दोनों देशों के शाही परिवारों के बीच घनिष्ठ संबंध थे।
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