रतन गुप्ता उप संपादक ——शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर खूब हमले हुए. हिंदुओं को टारगेट किया गया. उन्हें पीटा गया. उनके खिलाफ हिंसा की आग खूब भड़काई गई. यह बात जगजाहिर है. मगर बांग्लादेश अब तक चुप था. अब खुद बांग्लादेश ने माना है कि हसीना के हटने के बाद अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की 88 घटनाएं हुई हैं.बांग्लादेश ने हसीना के हटने के बाद अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की 88 घटनाएं मानीबांग्लादेश ने हसीना के हटने के बाद अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की 88 घटनाएं मानी बांग्लादेश में जब तक शेख हसीना की सरकार थी, तब तक हिंदू सेफ थे. मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालते ही हिंदुओं पर हमले होने लगे. हिंदुओं को टारगेट किया जाना लगे. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक यानी हिंदू होना गुनाह हो गया. बांग्लादेश में हिंदुओं पर खूब अत्याचार हुए. इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी, मगर ढीठ बांग्लादेश अब तक चुप रहा. जब भारत ने कड़ा एतराज जताया और गर्दन मरोड़ी तब जाकर सच बोलने पर बांग्लादेश मजबूर हुआ. जी हां, बांग्लादेश ने शेख हसीना के हटने के बाद अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की 88 घटनाएं मानी हैं. बांग्लादेश ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की 88 घटनाएं हुईं. हालांकि, बांग्लादेश ने अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. हिंदुओं पर कितने जुल्म हुए, इससे दुनिया वाकिफ है. अब बांग्लादेश की यूनुस सरकार अपने एक्शन की वाहवाही कर रही है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.भारत के हड़काने पर कबूला सचमुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम यह कबूलनामा ऐसे समय आया, जब एक दिन पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बांग्लादेशी नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों पर हमलों की अफसोसजनक घटनाओं को उठाया था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित भारत की चिंताओं से अवगत कराया था. आलम ने संवाददाताओं को बताया कि पांच अगस्त से 22 अक्टूबर तक अल्पसंख्यकों से संबंधित घटनाओं में कुल 88 मामले दर्ज किए गए हऔर होगी गिरफ्तारी?मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, ‘मामलों और गिरफ्तारियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि पूर्वोत्तर सुनामगंज, मध्य गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा के नए मामले सामने आए हैं.’ उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी हो सकते हैं जहां कुछ पीड़ित पिछली सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य रहे हों.झूठ भी बोल रही यूनुस सरकारसरकार अब तक इस बात पर जोर देती रही है कि कुछ घटनाओं को छोड़कर, हिंदुओं पर उनकी आस्था के कारण हमला नहीं किया गया. आलम ने कहा कि 22 अक्टूबर के बाद हुई घटनाओं का ब्यौरा जल्द ही साझा किया जाएगा. भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते पूरी तरह से तल्ख हो चुके हैं. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश अब भारत से दुश्मनी मोल रहा है. यही वजह है कि तनाव अब चरम पर है.
रतन गुप्ता उप संपादक 11/12/2024