नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – गृह मंत्री रमेश लेखक ने कहा है कि जब राज्य जांच कर रहा है, तो सड़क पर विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शन करके जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RASWPA) के अध्यक्ष रवि लामिछाने पर की जा रही जांच पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि यह न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का एक प्रयास है ।
बागमती प्रांत द्वारा शांति सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन पर आयोजित अंतरप्रांतीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए लेखक ने कहा, ‘अपराध होने के बाद राज्य सरकार जांच करती है और मुकदमा चलाती है ।
न्यायिक प्रक्रियाएं हैं. लेकिन कानून द्वारा की गई व्यवस्थाओं का मखौल उड़ाकर की जाने वाली हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।
सहकारी धोखाधड़ी का बयान देकर लामिछाने को रात में चितवन जिला से पोखरा ले जाने के मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की आलोचना हो रही है ।
ऐसे में गृह मंत्री ने कहा कि संविधान और कानून के प्रावधानों का मखौल बनाकर की जाने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता ।
उन्होंने प्रांतीय गृह मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया, ”ऐसी गतिविधियां किसी भी हालत में ठीक नहीं हो सकतीं, इस पर पर्याप्त ध्यान देना जरूरी है.”।
इसी मौके पर गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय पुलिस बल को जल्द से जल्द समायोजित करने पर काम कर रहा है ।
“समायोजन के लिए जाने में कोई दुविधा नहीं है क्योंकि संविधान ऐसा कहता है, लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिन्हें समायोजित करने की आवश्यकता है, उन मुद्दों को इस तरह की चर्चाओं से सुविधाजनक बनाया जाएगा”, ।
उन्होंने कहा, “अब हमने सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और भीतर एक या दो सप्ताह में हम संघीय पुलिस अधिनियम विधेयक को मंत्रिपरिषद से पारित कराने के बाद इसे संघीय सदन में पारित कर देंगे।”
लेखक ने कहा कि जैसे ही पुलिस अधिनियम पर विधेयक संसद में ले जाया जाएगा, सशस्त्र पुलिस के लिए प्रस्तावित विधेयक भी प्रस्तुत किया जाएगा।
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