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केंद्र सरकार ने बासमती चावल और प्याज के निर्यात से रोक हटायी

बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम मूल्य सीमा को हटाकर सरकार ने किसानों और निर्यातकों को राहत दी है। साथ ही रिफाइंड तेल पर ड्यूटी बढ़ाने और प्याज के निर्यात पर से रोक हटाने जैसे फैसलों से कृषि क्षेत्र में एक नई दिशा देने की कोशिश की गई है।

नई दिल्ली/महराजगंज! किसानों की आमदनी बढ़ाने और देश के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम मूल्य सीमा को हटाकर सरकार ने किसानों और निर्यातकों को राहत दी है। साथ ही रिफाइंड तेल पर ड्यूटी बढ़ाने और प्याज के निर्यात पर से रोक हटाने जैसे फैसलों से कृषि क्षेत्र में एक नई दिशा देने की कोशिश की गई है।

उल्लेखनीय है कि आने वाले महीनों में हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार के इस फैसले से इन राज्यों के स्थानीय किसानों को बड़ा फायदा मिलने वाला है।

मोदी सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की सीमा को हटाने का बड़ा फैसला किया है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए इस फैसले की जानकारी दी। सरकार का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे भारत के प्रमुख जीआई-टैग वाले बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिल सके।

इस फैसले को घरेलू चावल की पर्याप्त उपलब्धता और व्यापारिक चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है।

सरकार ने अगस्त 2023 में बासमती चावल के निर्यात के लिए प्रति मीट्रिक टन 1200 अमेरिकी डॉलर की न्यूनतम सीमा तय की थी, ताकि घरेलू आपूर्ति में कमी और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। इसके साथ ही, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक के चलते बासमती के नाम पर गलत निर्यात को भी रोकने का प्रयास किया गया था। लेकिन, व्यापारिक संगठनों और हितधारकों की अपील के बाद इस सीमा को अक्टूबर 2023 में घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया था।

उल्लेखेनीय है कि एपीडा अब निर्यात अनुबंधों पर कड़ी नजर रखेगा ताकि बासमती चावल की कीमतों में पारदर्शिता बनी रहे और अवास्तविक मूल्य निर्धारण को रोका जा सके।

इसके अलावा, किसानों के हित में सरकार ने रिफाइंड तेल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है, जिससे सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर दाम मिल सकेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सरकार ने रिफाइंड तेल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है। इससे किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमतें मिलेंगी और छोटे और ग्रामीण इलाकों में रिफाइनरियों के विकास से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”

सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को भी बढ़ाकर 20% कर दिया है, जिससे कुल प्रभावी ड्यूटी 27.5% हो जाएगी। इसका उद्देश्य सोयाबीन उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे निर्यात में भी इजाफा होगा।

शुक्रवार को सरकार ने प्याज के निर्यात पर से भी एमईपी को हटाने का फैसला लिया। सरकार के इस कदम से किसानों को सीधा फायदा होगा, क्योंकि अब प्याज का निर्यात बिना किसी सीमा के हो सकेगा।

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