सन्दीप मिश्रा
रायबरेली-जिला अस्पताल रायबरेली में चिकित्सकों की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए महिला एवं जिला अस्पताल में पूर्व सैनिकों को सुरक्षा गार्डस के रूप में तैनात किया गया था। लेकिन अब यही सुरक्षा गार्डस अस्पताल में आने जाने वालों के लिए जी का जंजाल बन गए है। नतीजा यह है कि अस्पताल में दिनभर मरीजों की लाइन लगी रहती है लेकिन इस बीच में सुरक्षा गार्ड्स द्वारा तीमारदारो और मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी तमाम शिकायते और वीडियो वायरल हुए हैं। एक वीडियो महिला अस्पताल में सुरक्षा गार्ड का था जिसमें वह तीमारदार को अपना मुक्का दिखाते हुए मुंह तोड़ देने की धमकी दे रहा था । तो वहीं अब दूसरा वीडियो वायरल हुआ है जिसमें तीमारदार खुला तौर पर आरोप लगा रहा है कि दो सुरक्षा गार्ड नशे की हालत में मरीज और तीमारदारों से अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। इसका वीडियो बनाकर उसमें सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया है । अब अस्पताल में जहां पुलिस चौकी बनी हुई है । वहां पर अस्पताल की सुरक्षा जब से इन गार्ड्स के हाथों में गई है तब से ऐसा लगता है कि इन गार्ड्स के यह समझ में नहीं आ रहा है कि अस्पताल में कोई अपनी खुशी से नहीं आकर खड़ा होता है। इन गार्डस को भी कुछ मानवीय दृष्टि दिखानी चाहिए । लेकिन नेताओं के भवन की सुरक्षा की तरह ये गार्डस अस्पताल में हर आने जाने वालों को हैरान और परेशान कर रहे हैं। इसका एक कारण भी है की अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को गेट पास के तौर पर केवल एक पास ही दिया जाता है। जिसके अनुसार एक ही व्यक्ति अस्पताल में मरीज के पास जा सकता है और मामला जब महिला मरीज संबंधित जुड़ा होता है तो यह और भी मुसीबत वाला हो जाता है। क्योंकि महिलाओं को अस्पताल के भीतर अनिभिज्ञता महसूस होती है और सुरक्षा गार्ड कहते हैं कि एक ही व्यक्ति अंदर जा सकता है। मजबूरी में महिला अपना कदम आगे बढ़ाती है क्योंकि एक तो महिला दूसरा महिलाओं की दैनिक क्रिया की आवश्यकताओं को महिला ही दूर कर सकती है । वही अस्पताल के गार्डस अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों की जामा तलाशी लेना भी इस कदर शुरू कर दिया है कि जैसे उन्हें इस बात का अंदेशा हो की अस्पताल में कोई ऐसी वस्तु जा सकती है जिससे वहां पर कोई भीषण हादसा हो सकता है । लेकिन उन्हें शायद इस बात का आभास नहीं है कि अभी तक जिला अस्पताल और रायबरेली जनपद में अमन और सौहार्द का माहौल हमेशा से बना रहा है। इस कारण यह जमा तलाशी भी लोगों के जेहन में खटक रही है । जबकि पुरुष अस्पताल में तो सभी गार्ड्स पुरुष है और वे महिलाओ के समानों की तलाशी लेते है । अब तो लोगों ने भी कहना शुरू कर गया है कि जिला अस्पताल पूर्व में यदाकदा ही सुनाई देता था की अस्पताल में कोई विवाद हो गया है लेकिन अब लगातार विवाद की घटनाएं जिला अस्पताल से निकलकर सामने आ रही हैं । आने वाले समय में तो ऐसा लगता है कि अस्पताल में मरीज नहीं भर्ती होगे बल्कि ये सुरक्षा गार्ड ही अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे। इनको शायद पता नहीं है कि जिला अस्पताल सार्वजनिक स्थल है वहां पर जीवन और मृत्यू के बीच संघर्ष करते हुए व्यक्ति आते हैं उनके साथ रोता बिलखता उनका परिवार होता है । जिनको अपना वाहन कहां खड़ा करना है इसकी सुध नहीं होती है जिसके लिये भी मरता हुआ मरीज और उसके परिवार वालो को अस्पताल जैसी सार्वजनिक स्थल पर जलील होना पड़ता है। लेकिन कहते हैं ना की फौजी को नियम कानून से मतलब होता है । उन्हें आदेश का ही पालन करना सिखाया जाता है । बाकी सब बाते उसके बाद सामने आती है लेकिन इन गार्ड्स की हरकतों पर अब यह आदेश अब मरीजों और उनकी देखभाल करने वालो पर भारी पड़ता जा रहा है।
सुरक्षा गार्डों की बदसलूकी का वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
नशे में धुत्त सुरक्षा गार्ड ने तीमारदारों से की मारपीट व अभद्रता का आरोप
दर्जनों मरीजों के सामने घंटो चलता रहा हाई वोल्टेज हंगामा
रात की ड्यूटी में नशे में धुत रहते है सुरक्षा गार्ड।
तीमारदारों से बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से मचा हंगामा
शहर कोतवाली के राणा बेनी माधव जिला चिकित्सालय का है मामला