

प्राथमिक शिक्षा एवं संबंधित योजनाएं विषय पर हुआ व्याख्यान।
ब्रह्मलीन युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं ब्रह्मलीन राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पूर्ण स्मृति में आयोजित व्याख्यान का आयोजन।
शिक्षा की बुनियाद है प्राथमिक शिक्षा- डॉ रामपाल।
निपुण भारत मिशन से छात्रों का सर्वांगीण विकास-सपना सिंह।
चौक बाजार विद्यार्थी का प्रथम गुरु मां एवं प्रथम पाठशाला परिवार होता है। तत्पश्चात वह गुरु के सानिध्य में जाकर प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करता है। प्राथमिक शिक्षा ही बुनियादी शिक्षा है जिसके द्वारा वह अपने संपूर्ण जीवन के शैक्षिक पथ को प्रदर्शित करता है। भारत में प्राथमिक शिक्षा प्राचीन काल से बच्चों में संस्कार के साथ ही साथ जीवन जीने की कला की शिक्षा दी जाती है। वर्तमान में देश में प्राथमिक शिक्षा में अत्यंत संसाधनों से युक्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। खास करके उत्तर प्रदेश में आज प्राथमिक शिक्षा अनेक संसाधनों से युक्त हैं जिसमें स्वास्थ्य खेल खिलौने चिकित्सा पुस्तकालय तथा कायाकल्प के अंतर्गत रंग रोगन से युक्त परिसर साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित रूप से वृद्धि हुई है। जिसके अंतर्गत निपुण भारत की परिकल्पना साकार हो रही है ।उक्त बातें युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पावन पुण्य स्मृति में दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज चौक बाजार द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय व्याख्यान माला के प्रथम दिवस में बतौर मुख्य अतिथि गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय के लेफ्टिनेंट डॉ. रामपाल यादव ने प्राथमिक शिक्षा एवं संबंधित योजनाएं विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए कही।प्रधानाचार्य डा.हरिन्द्र यादव ने कहा कि यशस्वी मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रदेश में शिक्षा की गति में विस्तार हुआ है ।सभी विद्यालय संसाधनों से युक्त हैं ।आज के प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रधानाचार्या दिग्विजय नाथ बालिका इंटर कॉलेज सपना सिंह ने कहां के निपुण भारत मिशन से प्राथमिक शिक्षा में बहुत ही सुधार हुआ है। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती एवं ब्रह्मा लिंग गए महाराज जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि से हुआ। छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में आभार व धन्यवाद ज्ञापन विवेकानंद त्रिपाठी द्वारा किया गया। संयोजन प्रमोद कुमार सिंह एवं संचालन पूनम सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर बलवीर सिंह शैलेश राय देवेंद्र प्रताप सिंह निर्मला चौधरी सविता सिंह के साथ ही छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।