नेपाल,भारत सिमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी का रिपोर्ट
27/11/2024
काठमाण्डौ,नेपाल – “2024 पीटीएस”। यह चंद्रमा का नाम है, जो दो महीने तक धरती का मेहमान बनकर रहा था।
लेकिन आख़िरकार यह अस्थायी चंद्रमा पृथ्वी छोड़कर अंतरिक्ष की अनंत यात्रा पर निकल पड़ा है।
यह खगोलीय पिंड वास्तव में अपने घर की ओर बढ़ रहा है, जो एक क्षुद्रग्रह बेल्ट है।
बेल्ट का नाम अर्जन स्टेरॉयड है। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित है और सूर्य से 150 मिलियन किलोमीटर दूर है। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी लगभग समान है।
स्पेन के मैड्रिड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कार्लोस डेला फुएंते मार्को के अनुसार, अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट की दिशा अलग है। इस क्षेत्र की चट्टानें आम तौर पर पृथ्वी के निकट की वस्तुएं हैं। इनमें से कुछ पत्थर लगभग 450,000 किमी दूर पृथ्वी के बहुत करीब आ जाते हैं। जिसकी गति 3540 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है ।
यह पिंड, जो अब क्षुद्रग्रह बेल्ट की ओर बढ़ रहा है, अगले साल जनवरी में फिर से पृथ्वी के करीब आएगा।
उस समय पृथ्वी से इसकी दूरी केवल 17.8 किमी होगी। कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान में स्थित गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम रडार एंटीना इस क्षुद्रग्रह की निगरानी कर रहा है। इसके अलावा नासा का डीप स्पेस नेटवर्क भी लगातार इसका अध्ययन कर रहा है।
माइक्रो मून क्या है?
माइक्रो मून यानी मिनी मून दो कारणों से पृथ्वी के करीब आता है.।
पहला कारण यह है कि जब कोई वस्तु पृथ्वी के करीब आती है तो वह उसके गुरुत्वाकर्षण में फंस जाती है और एक या दो साल तक बाहर नहीं निकल पाती है और पृथ्वी की परिक्रमा करने लगती है।
दूसरी ओर, कोई चट्टान थोड़े समय के लिए पृथ्वी के करीब आती है और फिर पृथ्वी की आधी या पूरी परिक्रमा करने के बाद बाहर निकल जाती है। यह केवल कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए ही पृथ्वी के करीब आता है।
अब तक केवल दो बार ही दो चट्टानें विस्तारित अवधि के लिए पृथ्वी के माइक्रोमून बनी हैं।
पहला 2006 का RH120 और दूसरा 2020 का CD3 है। इसके अलावा तीन अन्य पिंड थोड़े समय के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में फंसे रहे ।
पहले 1991 वीजी, 2022NX1। अब 2024पीटीएस। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब यह अमावस्या दोबारा आएगी और इसके पथ और व्यवहार का अध्ययन कर रहे हैं।
इस अमावस्या को साधारण दूरबीन या दूरदर्शी से नहीं देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए आपको कम से कम 30 इंच व्यास वाले सीसीडी या सीएमओएस डिटेक्टर टेलीस्कोप की आवश्यकता होगी।
इस अमावस्या पर एक रिपोर्ट हाल ही में एएएस जर्नल के रिसर्च नोट्स में प्रकाशित हुई थी।