मन में बैठी भ्रांति दूर होने पर लाभार्थियों की पहली पसंद बनी छाया
जिला स्तरीय इकाइयों से लेकर स्वास्थ्य उप केंद्र तक उपलब्ध है सुविधा
गोरखपुर- पादरी बाजार निवासी पूजा (28) की बड़ी बेटी छह साल की है और और छोटा बेटा तीन साल का। दंपति अब बच्चा नहीं चाहते लेकिन नसबंदी तब कराना चाहते हैं जब उनका बेटा पांच साल से अधिक उम्र का हो जाएगा। पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर परिवार नियोजन परामर्शदाता की सलाह पर उन्होंने परिवार नियोजन के उपलब्ध सभी साधनों में से साप्ताहिक गोली छाया का चुनाव किया। चिकित्सक की देखरेख में उन्होंने यह दवा शुरू की । अगले माह उनका मासिक अनियमित होने लगा। मासिक धर्म में खून की मात्रा भी कम हो गई। घबरा कर उन्होंने परिवार नियोजन परामर्शदाता रीना से बात की तो उन्हें समझाया गया कि यह एक नान हार्मोनल गोली है जिसके कारण यह बदलाव होता है और इस बदलाव के कारण महिलाओं में खून की कमी नहीं होने पाती है।
पूजा बताती हैं कि जब उनके मन का वहम दूर हो गया तो वह प्रति सप्ताह इस दवा का सेवन करने लगीं । एक वर्ष से दवा का सेवन कर रही हैं लेकिन कभी भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा । जब उन्होंने यह दवा शुरू की थी तो तीन महीने तक सप्ताह में दो गोली खानी होती थी और उसके बाद से प्रति सप्ताह सिर्फ एक गोली खाती हैं। दवा से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है।
पिपराईच सीएचसी की परिवार नियोजन परामर्शदाता रीना का कहना है कि जब कोई दंपति साप्ताहिक गोली छाया का चुनाव करते हैं तो पहले महिला को चिकित्सकीय परामर्श दिलवाया जाता है। अगर सेवा आयुष्मान आरोग्य मंदिर से दी जाती है तो टेलीकंसल्टेशन के जरिये चिकित्सकीय परामर्श लेते हैं। साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के तुरंत बाद, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।
1.25 लाख छाया वितरित हुई
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.25 लाख साप्ताहिक छाया गोली सरकारी प्रावधानों के तहत लाभार्थियों को वितरित की गईं। वर्ष 2017-18 में इस गोली की सुविधा सिर्फ जिला महिला अस्तपाल पर उपलब्ध थी । उस समय सिर्फ 746 छाया गोली वितरित हुई थी। वर्ष 2018-19 में 1184, वर्ष 2019-2020 में 19417, वर्ष 2020-21 में 35547, वर्ष 2021-22 में 69364 और 2022-23 में करीब एक लाख साप्ताहिक गोली छाया वितरित की गई। वर्ष 2019-20 के बाद से ही यह सुविधा सभी सीएचसी, पीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और स्वास्थ्य उप केंद्र पर साप्ताहिक गोली छाया उपलब्ध है।
वीडियो के जरिये दे रहे हैं अहम संदेश
साप्ताहिक गोली छाया के बारे में एक वीडियो संदेश के जरिये लाभार्थियों को बताया जा रहा है कि अगर गोली खाना भूल गए एक सप्ताह हो गया है, और असुरक्षित संबंध बन जाए तो सबसे पहले इस दवा का सेवन बंद कर दें। इमर्जेंसी पिल्स खाएं और माहवारी आने का इंतजार करें। जब एक बार माहवारी आ जाए तो पुनः पहले तीन महीने सप्ताह में दो गोली का सेवन करें और उसके बाद प्रत्येक सप्ताह एक गोली खाएं। जब तक बच्चा नहीं चाहिए, तब तक दवा का सेवन करते रहें।