
गोरखपुर – गोला क्षेत्र के चाड़ी केशवापार ग्राम में चन्द्रभान राय के आवास पर चल रहा है जिसमें छ्ठे दिन सुप्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य जितेंद्र राम त्रिपाठी ने कथा रसपान कराते हुए कहा बिना गुरु के जीव का कल्याण नहीं हो सकता। गुरु बिनु भव निधि तरह ई न कोई इसलिए अपनें जीवन गुरु तत्व को अवश्य धारण करना चाहिए और गुरु कृपा से मनुष्य उस समस्त कार्यों की सिद्धि कर लेता है जो विधाता ने उसके भाग्य में नहीं लिखा है। अजामिल चरित्र के माध्यम आचार्य जितेन्द्र राम त्रिपाठी जी नें बताया कि मनुष्य जानकर या अनजाने में भाव से विना भाव के किसी भी प्रकार से भगवन्नाम का आश्रय लेता उस मनुष्य का दसो दिशाओं से सर्वविध कल्याण होता है नाम जपत मंगल दिशि दशहूं पुंसवन व्रत के माध्यम से उन्चास मरुतों के जन्म की के साथ भगवान नरसिंह कच्छप मोहिनी बामन राम की दिव्य अलौकिक कथा सुनाते हुए वृत्रासुर ने भगवान से सांसारिक तुच्छ वस्तुओं का याचना न करते हुए भगवान से दिव्य प्रेम की याचना किया है। कथा श्रवण कराते हुए कहा मनुष्य को सत्कर्म होता है सत्कर्म करने वाले प्राणियों से यदि कहीं झूठ भी बोला जाता है तो उसका पाप नहीं लगता है ।भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की दिव्य आकर्षक सुमनोहर झांकी सोहर बधैया मंगलगीत सुन कर सभी श्रद्धालु भावविभोर हो गये कार्यक्रम में अनंतराम त्रिपाठी हरिश्चन्द्र शुक्ला धनंजय गुप्ता रामकेवल शुक्ला जयप्रकाश राय सुनील यादव अनिल राय हिमांशु सिंह प्रकाश राय विकास सिंह महेंद्र राय मारकंडे तिवारी उपेन्द्र राय रामअधीन प्रजापति कृष्ण मुरारी तिवारी राहुल सिंह अरविंद त्रिपाठी विनोद राय सौरभ सचिन शिवम जय प्रदीप सूरज ऋषभ सुधाकर भीम सहित अधिक संख्या में श्रोतागण उपस्थित होकर कथा का रसपान किया।