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भारतीय जनमानस स्वभाव से लोकधर्मी और उत्सवधर्मी है – विनय शंकर तिवारी

बड़हलगंज – स्थानीय कस्बा स्थित नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में सरयू कल्चरल क्लब के तत्वावधान में लोक संस्कृति संरक्षण और संवर्धन सप्ताह के अंतर्गत शारदीय महोत्सव का आयोजन किया गया।
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा कि भारतीय जनमानस स्वभाव से ही लोकधर्मी और उत्सवधर्मी रहा है। लोक संस्कृति के संरक्षण को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में वह ताकत है जो समय के हिसाब से अपना विस्तार भी करती चली गई। जो छठ बिहार तक सीमित थी वह अब मुंबई से बड़हलगंज तक मनाई जा रही है। दुर्गा पूजा, डांडिया अपनी स्थानीयता को छोड़कर अखिल भारतीय विस्तार पा रहीं है। कार्यक्रम में सरयू कल्चरल क्लब के लोगो और वाद्ययंत्रों का उद्घाटन किया।प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार पांडेय ने लोक संस्कृति की अविरलता और निरंतरता की तुलना सरयू की अविरलता और निरंतरता से करते हुए इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। आचार्य डा.त्रिपुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि लोक संस्कृति ही मानव सभ्यता की जीवंतता और जीवटता का परिचायक है। संचालन क्लब के प्रभारी डा. सुधीर कुमार शुक्ला ने किया। डा. मुकेश चौबे, प्रो. परितोष त्रिपाठी, डा. दिवाकर त्रिपाठी, डा. रुचिका, डा. वैशाली, डा. पूजा, डा. खुशबू, डा. जय गोपाल, डा. चिन्मय, डा. प्रभात चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।

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