रिपोर्टर अर्चना पाण्डेय गोरखपुर ——, विश्वविद्यालय के ७५वें स्थापना वर्ष के अवसर पर 1 मार्च को आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय द्वारा संवाद भवन में “लिगेसियम – एलुमनी मीट 2025” का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा और पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से किया गया।कार्यक्रम का आरम्भ कुलपति प्रो. पूनम टंडन, संकायाध्यक्ष वाणिज्य प्रो श्रीवर्धन पाठक, मुख्य अतिथि श्री श्याम बिहारी लाल अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि श्री अतुल सर्राफ तथा अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं कुलगीत के सामूहिक गान के साथ हुआ। इसके पश्चात मंचासीन गणमान्य व्यक्तियों का औपचारिक अभिनंदन किया गया।प्रो श्रीवर्धन पाठक ने सभागार में उपस्थित सभी पुरातन छात्र एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में प्रो. पाठक ने सम्मेलन में उपस्थित पुराछात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए समाज में उनके उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित किया तथा इन ७५ वर्षों की यात्रा में विभाग एवं विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत, विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर वाणिज्य विभाग एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के पूर्व छात्र संघ के पंजीकरण हेतु मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन का विमोचन किया गया तथा वाणिज्य विभाग एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के पूर्व छात्रों के डाटा बैंक का संकलन भी स्मारिका के रूप में जारी किया गया। कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षा, समाजसेवा, व्यापार, लेखा आदि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे अतिथियों ने अपने अनुभव साझा किए। इस क्रम में सीए शिशिर दुबे, प्रो. प्रशांत त्रिपाठी, श्री सिद्धार्थ श्रीवास्तव एवं प्रो. टी. पी. एन. श्रीवास्तव ने अपने विधार्थी जीवन के रोचक किस्से सुनाकर सभागार के माहौल को जीवन्त कर दिया।इस अवसर पर आयोजित संगीत कार्यक्रम ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। रेट्रो थीम पर आयोजित संगीत संध्या में गीतों और ग़ज़लों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने अतिथियों को वापस अपने विधार्थी जीवन में पहुंचा दिया। मुख्य अतिथि श्री श्याम बिहारी अग्रवाल एवं विशिष्ट अतिथि श्री अतुल सराफ विभाग में भ्रमण कर अपने स्मृतियों को स्मरण कर भावुक हो गए। उन लोगों ने वर्तमान विद्यार्थियों को समझाया कि यह विद्यार्थी जीवन आपका स्वर्णिम समय है जो आपके भविष्य की नींव तैयार करेगा। अपने संबोधन में उन्होंने पुरातन छात्रों की उपलब्धियों को सराहा और विश्वविद्यालय से इस तरह के आयोजनों को जारी रखने की अपील की।कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय की माननीया कुलपति प्रो. पूनम टंडन के प्रेरणादायक अध्यक्षीय संबोधन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने पूर्व छात्रों के निरंतर सहयोग की सराहना की और इस परम्परा को भविष्य में और भव्य रूप में जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन विश्वविद्यालय और उसके पूर्व छात्रों के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य करेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि यह परंपरा भविष्य में और भी समृद्ध होती रहे।अंत में, सभी अतिथियों एवं पूर्व छात्रों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया गया, जिसमें आपसी संवाद एवं पुराने मित्रों के पुनर्मिलन का सुखद अवसर मिला।
रिपोर्टर अर्चना पाण्डेय गोरखपुर