
गोरखपुर, विश्वविद्यालय के इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शिक्षक, डॉ. साहिल महफूज़, ने विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों जैसे कि वाइल्डलाइफ जीनोमिक्स, प्लांट-माइक्रोब इंटरेक्शन, वायरोलॉजी और आणविक मार्कर विकास में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के द्वारा गोरखपुर रत्न पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है । उनका अनुभव अनुसंधान संरक्षण, कृषि और मानव स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण चुनौतियों को हल करता है और वैश्विक स्तर पर इसका प्रभाव पड़ता है। उनके शोध अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं, जो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में उनकी स्थिति को और मजबूत करते हैं। डॉ. महफूज़ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले, लखनऊ के दो प्रतिष्ठित संस्थानों, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) में पोस्टडॉक्टरल शोध पूरा किया। इन अनुभवों ने उनके ज्ञान को समृद्ध किया और उनके शानदार शैक्षणिक करियर की मजबूत नींव रखी।
डॉ. महफूज़ की प्रमुख उपलब्धियां:
वाइल्डलाइफ जीनोमिक्स में प्रगति:
डॉ. महफूज़ ने लुप्तप्राय प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता पर अभूतपूर्व अध्ययन किए हैं। उनके अनुसंधान ने मगरमच्छ (Genetica, 2022) और बाघ (Molecular Biology Reports, 2019) की जनसंख्या संरचना और आनुवंशिक विविधता पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान किया है, जो इन महत्वपूर्ण प्रजातियों की सुरक्षा के लिए संरक्षण रणनीतियों में सहायक है।
ट्राइकोडर्मा पर अग्रणी शोध:
जैव नियंत्रण एजेंट के रूप में प्रसिद्ध Tric उनके अध्ययन का मुख्य बिंदु रहा है। उनके हालिया शोध (Physiologia Plantarum, 2024) ने इसके CO2 तनाव को कम करने की क्षमता को उजागर किया, जबकि पहले के काम (Frontiers in Microbiology, 2016) ने प्रजाति-विशिष्ट मार्कर विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
पौध रोगजनकों के निदान में नवाचार:
डॉ. महफूज़ ने Fusarium, Pythium और Septoria जैसे पौध रोगजनकों के लिए निदान विधियां विकसित की हैं। इन अग्रगामी तकनीकों ने कृषि स्थिरता सुनिश्चित करते हुए पौध रोगों के प्रबंधन में सुधार किया है।
वायरल विकास पर अंतर्दृष्टि:
उनके हालिया विश्लेषण (Virus Evolution, 2024) ने मंकीपॉक्स वायरस के आनुवंशिक विकास का अध्ययन किया, जो वायरल उत्परिवर्तन को समझने और नई ज़ूनोटिक चुनौतियों के लिए तैयार रहने में सहायक है।
फसल सुधार के लिए आनुवंशिक अध्ययन:
अनानास की किस्मों पर उनके शोध ने प्रमुख तनाव प्रतिक्रिया मार्गों की पहचान की, जिससे टिकाऊ कृषि के लिए तनाव-प्रतिरोधी फसल किस्मों के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।
वैश्विक मान्यता और प्रभाव:
33 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिकाओं में प्रकाशित अपने शोध के साथ, डॉ. महफूज़ के कार्य ने विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता और महत्व को उजागर किया है। उनके योगदान मौलिक विज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ते हैं, जो उनकी बहु-विषयक विशेषज्ञता को प्रदर्शित करते हैं।
वैज्ञानिक नवाचार में एक नेता:
डॉ. साहिल महफूज़ की समर्पण और अभूतपूर्व कार्य संरक्षण, कृषि और स्वास्थ्य में वैज्ञानिक प्रगति को प्रेरित करते रहते हैं। उनकी उपलब्धियां वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान को एकीकृत करने के महत्व को दर्शाती हैं। विश्वविद्यालय समुदाय डॉ. महफूज़ के योगदान का उत्सव मना रहा है, यह मान्यता देते हुए कि उन्होंने भारतीय अनुसंधान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त पत्रिकाओं में उनके प्रकाशन उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और वैश्विक प्रभाव का प्रमाण हैं।