राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
संवाददाता शिवानंद त्रिपाठी
चौक बाजार महराजगंज दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज मे आयोजित हुआ शिक्षा सारे सुधारो की जड़ है। शिक्षा से ही व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास संभव है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। जीवन में अपने लक्ष्य की प्राप्ति शिक्षा के बिना संभव नहीं है। उक्त बातें स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाने पर दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज चौक बाजार के प्रार्थना सभा में डॉ राकेश कुमार तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि 2008 से देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। निश्चित रूप से वह एक लेखक शिक्षक तथा विद्वान व्यक्ति थे जिनके व्यक्तित्व द्वारा शिक्षा में सुधारात्मक परिवर्तन हुआ। उन्होंने ललित कला साहित्य तथा तकनीकी क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करते हुए उसको विकसित करने का प्रयास किया। अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा से आज लाखों बच्चे लाभ प्राप्त कर रहे हैं इसमें कुछ न कुछ अनुभव और भूमिका अब्दुल कलाम आजाद की रही है। आज संपूर्ण देश उनके जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मना रहा है। उनकी जयंती पर हम स्मरण करते हुए उनके अनुभव मार्गदर्शन एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा लें तथा उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बताये हुए प्रेरक विचारों के साथ लक्ष्य को पूर्ण करें। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. हरिन्द्र यादव ने कहा कि जीवन में यदि आगे बढ़ाना है तो देश के प्रथम शिक्षा मंत्री के अनुभवों विचारों को आत्मसात करें। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक कर्मचारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।