महराजगंज नगर में चल रहे श्री मद भागवत कथा में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित उपेन्द्र तिवारी ने गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग, महारास लीला, रासलीला में भगवान शंकर का आना एवं श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग का सुंदर वर्णन किया। इस अवसर पंडित उपेन्द्र तिवारी ने रास पंच अध्याय का वर्णन करते हुए कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय कथा का श्रवण कराया गया। कथावाचक पंडित उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई। इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सहरा ब्यूरो सुनील श्रीवास्तव, संजीव शुक्ला, राजीव शुक्ला, देवेश पांडेय, पवन श्रीवास्तव, प्रधान ओम प्रकाश पांडेय, राधारमण शुक्ला, प्रद्युम्न शाही, राजेश तिवारी, मंजू देवी, मधु शुक्ला, पूनम शुक्ला, मंजरी शुक्ला, रजत शुक्ला, पूजा शुक्ला,अखिल कुमार, निखिल कुमार ,तपस्या शुक्ला सहित तमाम लोग मौजूद रहे और भक्ति रस में डुबकी लगाते रहे।
श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के छठवे दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओ का कथावाचक ने किया वर्णन
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