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हिन्दी भाषा व्यक्तित्व विकास में सहायक- रामसुखी यादव

राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर चौक मे आयोजित हुई संगोष्ठी कार्यक्रम।

कार्यक्रम संचालन करते राम सुखी यादव।

अन्तर्मन की भाषा है हिंदी- डॉ राणा प्रताप तिवारी

चौक बाजार महराजगंज शब्दों का अधिकाधिक ज्ञान व उच्चारण की शुध्दता ही हमे किसी भी भाषा में पारंगत बना सकती है।हिन्दी भाषा के विकास में सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सभी की है। संस्कृत भाषा से उत्पन्न होने के कारण हिन्दी का शब्द भंडार अति विशाल है। इसमें हर भाव व विचार को प्रकट करने के लिए,सही और सटीक शब्द है। इसके व्याकरण में सरसता औरअलंकरण में लालित्य भरा पड़ा है। इसकी वैज्ञानिकता और बोधगम्यता ही इसे विश्व की अन्य सभी भाषाओं से विशिष्ट बनाती है।
छात्रों को उन सभी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए जो उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक हैं।इस दृष्टि से देखा जाए तो भारत के ही नहीं अपितु विश्व के हर व्यक्ति को उनकी अपनी मातृभाषा के साथ-साथ संस्कृत और हिन्दी भाषा का पूर्ण ज्ञान मौखिक व लिखित दोनों रूप मे होना चाहिए। क्योंकि यह मानवीय जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। यही कारण है कि आज विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी बड़ी भाषा है।वैश्विक स्तर पर हिन्दी का अधिकाधिक प्रसार भारत के गौरव का विस्तार करेगा। इसलिए आइए हम सब मिलकर इसका सम्मान करें। उक्त बातें योगीराज श्री गोरखनाथ शिक्षा प्रचार समिति द्वारा संचालित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के अंतर्गत दिग्विजयनाथ इंटरमीडिएट कॉलेज चौक बाजार में हिंदी दिवस पर आयोजित गोष्ठी के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डा. राणा प्रताप तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि
स्वयं के दैनन्दिन व्यवहार में इस भाषा से ही अपने विचारों और भावों का आदान प्रदान करें।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि शिक्षक रामसुखी यादव ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी हिंदी पूर्ण रूप से राष्ट्रभाषा के शिखर से वंचित है मात्र उसे राजभाषा का दर्जा संवैधानिक रूप से प्राप्त है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता जगदम्बिका सिंह ने कहा कि हिंदी व्यक्तित्व विकास में सहायक है। उन्होंने कहा की राष्ट्रभाषा के बिना देश गूंगा है और जब तक किसी राष्ट्र की कोई अपनी भाषा नहीं है तब तक वह राष्ट्र पूर्ण रूप से उत्तरोत्तर प्रगति नहीं कर सकता है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयोजक डॉ राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि हिंदी विश्व की अग्रणी भाषाओं में से एक है जिसमें विपुल साहित्य भंडार एवं शुद्ध व्याकरण से भरपूर है। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती युगपुरुष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से किया गया। कार्यक्रम का संचालन शैलेश कुमार पटेल एवं संयोजन लेफ्टिनेंट शेषनाथ द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार अमृता सिंह विनोद कुमार यादव अक्षय कुमार अग्निहोत्री मनोज कुमार दुर्गेश कुमार ध्रुव नारायण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सूचना मीडिया प्रभारी डॉ. राकेश कुमार तिवारी द्वारा दी गई।

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