नेपाल से जीत बहादुर चौधरी का रिपोर्ट
06/09/2024
काठमाण्डौ,नेपाल – भाद्र शुक्ल तृतीया के दिन मनाया जाने वाला हरितालिका तीज का त्योहार आज मनाया जा रहा है ।
इस दिन व्रतालु विशेष तरीके से शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति और खुशहाली आती है।
ऐसी कथा है कि सतयुग में इसी दिन पार्वती को व्रत करने पर महादेव स्वामी की प्राप्ति हुई थी।
इसलिए ऐसा माना जाता है कि अगर आप इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक शिव पार्वती का व्रत करेंगे तो आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। इसी मान्यता के साथ श्रद्धालु आज सुबह से ही पशुपतिनाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं ।
लेकिन धार्मिक विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मतलब यह नहीं है कि सभी महिलाओं को बिना भोजन के उपवास करना चाहिए।
व्रत तीन प्रकार के होते हैं, उपवास, व्रत और उपवास। जो लोग उपवास कर सकते हैं, जो पानी नहीं खा सकते, और जो फल भी नहीं खा सकते, उनके लिए फलाहार व्रत करना उत्तम है।
पं.रामचन्द्र उपाध्याय कहते हैं. उनका कहना है कि अगर आपकी सेहत ठीक नहीं है तो आप गेहूं की रोटी, मक्के की रोटी, सेब, संतरा और केला जैसे फल खाकर उपवास कर सकते हैं ।
सौभाग्य की कामना के लिए, संतान प्राप्ति के लिए, अच्छे वर और वधू की प्राप्ति के लिए अविवाहित लड़कियां और लड़के भी तीज का व्रत रखते हैं।
धर्मशास्त्रियों का मत है कि इस व्रत का उद्देश्य मनोकामनाओं की पूर्ति और पूरे परिवार का कल्याण करना है। चूँकि इस व्रत को करने वाले व्रती होते हैं इसलिए व्रत करने वाले एक दिन पहले ही मीठे-मीठे पकवान खाकर आज के व्रत की तैयारी करते हैं।
खासतौर पर ससुराल वाले और भाई अपनी बेटियों और बहनों को खाना खिलाते हैं।
तीज के अवसर पर महिलाएं अपने दुख, दर्द, पीड़ा को गीतों के माध्यम से भी प्रचारित करती हैं। वे इकट्ठा होते हैं और नृत्य करते हैं। गुरुवार को भोजन के बाद आधिकारिक तौर पर शुरू होने वाला तीज का त्योहार ऋषि पंचमी तक मनाया जाता है।
तीसरे दिन हरितालिका व्रत, चौथे दिन भगवान गणेश की पूजा और पांचवें दिन स्नान कर सप्तर्षि सहित अरुंधति की पूजा के साथ तीज का समापन होता है।