रतन गुप्ता उप संपादक 6/9/2024
एसओजी, स्वाट, सिन्दुरियाव घुघली थाने की संयुक्त टीम ने चोरी करने
एसओजी, स्वाट, सिन्दुरियाव घुघली थाने की संयुक्त टीम ने चोरी करने वाले अंतरजनपदीय गैंग का भंडाफोड़ कर पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें गिरफ्तार तीन आरोपित संतकबीरनगर जिले के रहने वाले हैं। उनके पास से पचास हजार रूपये का सामान 27 हजार रूपया नगदी, जेवर व मोबाइल बरामद हुआ है। पांचों के खिलाफ केस दर्ज कर गुरूवार को जेल भेज दिया गया।
जिले के सिन्दुरिया और घुघली थाना क्षेत्र में चोरी की घटना देख एसपी सोमेन्द्र मीना ने गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए एसओजी व स्वाट टीम के अलावा घुघली व सिन्दुरिया पुलिस की संयुक्त टीम गठित किया था। टीम मुखबिरों के सहारे गैंग के सदस्यों का पता लगाने में जुट गई। सिन्दुरिया थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में सर्विलांस टीम, स्वाट टीम और एसओजी टीम की जांच में टैम्पो चोरी के आरोप में पांच आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस कार्यालय के मीडिया सेल के अनुसार टैंपो चोरी के प्रकरण में सिन्दुरिया थाना में केस दर्ज था।
गोकशी व एनडीपीएस एक्ट में पहले भी जेल जा चुका है मुर्तजा:
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में मुर्तजा हुसैन पूर्व में गोकशी और एनडीपीएस समेत कई आपराधिक प्रकरणों में जेल में रह चुका है और कई प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। यह गिरोह विभिन्न ग्रामसभाओं में चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। उसके खिलाफ थाना घुघली में भी चोरी का मामला पंजीकृत है। आरोपितों ने घुघली के गोपाला गांव में बीती 11 अगस्त को घर में चोरी किया था।
संगठित रूप से वारदात को अंजाम देते थे गिरोह के सदस्य:
पुलिस के अनुसार मुर्तजा गिरोह बनाकर संगठित होकर अपराध करता था। अरविन्द दुबे पुत्र स्व. रामजीत दुबे (55), निवासी रेहरा टोला महुलानी थाना परसा मलिक, दिलशाद पुत्र सिकन्दर(22) निवासी दुर्गजोत बंजारा टोला थाना बखीरा जनपद संतकबीरनगर, मुशाहिद पुत्र धुमई (30) निवासी दुर्गजोत बंजारा टोला थाना बखीरा जनपद संतकबीर नगर, खुर्शीद पुत्र कटारे (55) निवासी दुर्गजोत बंजारा टोला थाना बखीरा जनपद संतकबीर नगर को साथ लेकर मुर्तुजा रात के समय में टैम्पो से जनपद स्तर में विभिन्न ग्रामसभा में घूम फिरकर रेकी करता था।
किसी भी खाली घर को पाकर घर से सामान चोरी कर टैम्पो में भरकर लेकर जाते थे। उससे सामान रखकर निकल जाते थे। अरविन्द दूबे के पास टैम्पो है। जिसे चलाकर वह अपना जीविकोपार्जन दिन में करता था व रात्रि के समय गिरोह में साथ होकर अपनी टैम्पो से रेकी करता था। दिलशाद, मुशाहिद, खुर्शीद लकडी काटने का काम जानते हैं। रात में सुनसान स्थान से कोई अच्छा पेड़ पाकर काट लेते थे। अरविन्द दूबे से सम्पर्क कर पेड़ का बोटा बना उसे उठा ले जाते थे।