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दशगजा के पास खाई खोद रहे भारतीय वनकर्मी

नेपाल,भारत सिमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी का रिपोर्ट
18/06/2025

काठमाण्डौ,नेपाल – भारतीय वन विभाग ने नेपाल-भारत सीमा पर दशगजा के पास खाई (नाला) खोदना शुरू कर दिया है। वे पिछले दो सप्ताह से बरदिया से जुड़े लगभग 15 किलोमीटर के सीमा क्षेत्र में खुदाई करने वाली मशीनों से गहरी खाई खोद रहे हैं।

गुलरिया नगर पालिका-8 के सूरजपुर में दशगजा के पास खाई खोदने से मना करने के बावजूद भारतीय वनकर्मी सशस्त्र पुलिस बल द्वारा रोके जाने के बावजूद खाई खोद रहे हैं।

इस बात पर भी विवाद हो गया है कि भारतीय वनकर्मियों को अपने क्षेत्र में खाई खोदने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।

सशस्त्र संघर्ष के दौरान नेपाली सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए वनकर्मियों ने सीमा को खाली करने के लिए एकतरफा खाई खोदना शुरू कर दिया था। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि जिस स्थान पर खाई बनाई गई है, वहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में नेपाली क्षेत्र में बाढ़ आ जाती है।

फुटहा के बढैयाताल ग्रामीण नगर पालिका-2 के रण बहादुर खत्री ने बताया कि नेपाली क्षेत्र में वन्यजीवों को खाई खोदने से बचाने के लिए बाड़ लगाई भी जाती है तो उसे उखाड़कर फेंक दिया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘दशगजा के पास भारतीय भूमि पर खाई खोदने का हम विरोध नहीं कर सकते। खाई बनाने के बाद यहां से बहने वाले पानी का निकास नहीं होगा और बाढ़ का खतरा नेपाल की ओर बढ़ जाएगा।’

भारतीय वन अधिकारियों का कहना है कि नेपालियों को भारत से लकड़ी की तस्करी करने और पेड़ों को काटकर नेपाल ले जाने से रोकने के लिए खाई खोदी जा रही है। नाम न बताने की शर्त पर भारतीय वन अधिकारियों ने दावा किया कि खाई उनकी अपनी सीमा पर खोदी जा रही है। भारत के साथ सीमा 83 किलोमीटर लंबी है।

अधिकांश क्षेत्र घने जंगलों से घिरा है। भारतीय वन अधिकारियों के अनुसार, चूंकि सीमा भारत के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य से लगती है, इसलिए वन्यजीवों को नेपाल में प्रवेश करने से रोकने के लिए भी खाई खोदी गई है। खाई उन जगहों पर खोदी गई है, जिन्हें नेपाल-भारत संयुक्त सर्वेक्षण दल ने साफ नहीं किया था।

मुख्य जिला अधिकारी सुरेंद्र पौडेल ने बताया कि सीमा पार नहीं की जा सकती, क्योंकि इसे जीपीएस तकनीक की मदद से चिन्हित किया गया है। दो दशक पहले भारतीयों ने गुलरिया नगर पालिका में सीमा स्तंभ संख्या 61 को दस गज पार कर दस गज में पक्की सड़क बना ली थी। भारतीय सड़क विभाग ने सड़क का निर्माण कराया था। सशस्त्र पुलिस बल की 31वीं बटालियन के सशस्त्र पुलिस अधीक्षक मान बहादुर शाही ने बताया कि 17 साल पहले बर्दिया में सशस्त्र पुलिस बल की स्थापना के बाद से सीमा पार करना बंद हो गया है और तब से सीमा चौकियों पर नियमित गश्त के कारण अवांछित गतिविधियां बंद हो गई हैं।

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