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नेपाल के भैरहवा सीमा चौकी से निर्यात में 47.51 प्रतिशत की वृद्धि

रतन गुप्ता उप संपादक—–नेपाल के भैरहवा कस्टम से दूसरी सबसे बड़ी सीमा चौकी भैरहवा के जरिए भारत और तीसरे देशों को निर्यात में पिछले साल की तुलना में 47.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भैरहवा सीमा शुल्क कार्यालय के प्रमुख राम प्रसाद रेग्मी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के 11 महीनों में जहां 12.6 अरब रुपये मूल्य के विभिन्न सामान निर्यात किए गए, वहीं चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि में 18.59 अरब रुपये मूल्य के सामान और वस्तुओं का निर्यात किया गया।मुख्य सीमा शुल्क अधिकारी रेग्मी ने बताया कि “इस सीमा चौकी के जरिए निर्यात व्यापार में पिछले साल की तुलना में 47.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बहुत अच्छी बात है।” 11 महीनों में सबसे ज्यादा निर्यात की गई वस्तुओं में सोयाबीन तेल (रिफाइंड), सिंथेटिक यार्न, सीमेंट ब्राउन, खैर कत्था, पिना अन्य, लोहे और स्टील के बर्तन, नूडल्स, पास्ता, जड़ी बूटी, खाटो, राल और प्लाईवुड शामिल हैं।अन्य सीमा पारियों की तरह, यहां से सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली वस्तु रिफाइंड सोयाबीन तेल है। 11 महीनों में इस सीमा पार से भारत को 5.8154 अरब रुपये मूल्य का 29,140,511 लीटर तेल निर्यात किया गया है। इसी तरह, सीमा शुल्क कार्यालय के अनुसार, 3.1833 अरब रुपये मूल्य का 15,194,467 किलोग्राम सिंथेटिक यार्न भारत और तीसरे देशों को निर्यात किया गया है।पिछले वर्षों में सिंथेटिक यार्न सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली वस्तु रही है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में रिफाइंड सोयाबीन तेल ने इसे पीछे छोड़ दिया है। इसी प्रकार, 1 अरब 33 करोड़ 61 लाख 90 हजार रुपए का सीमेंट, 847 करोड़ 71 लाख 75 हजार रुपए का खैर कत्था, 783 करोड़ 35 हजार रुपए का पीना, 721 करोड़ 15 लाख 88 हजार रुपए के लोहे और स्टील के बर्तन, 662 करोड़ 28 लाख 13 हजार रुपए के नूडल्स, पास्ता, 575 करोड़ 60 लाख 7 हजार रुपए की विभिन्न जड़ी-बूटियां, 521 करोड़ 15 लाख 94 हजार रुपए का खोत्तो रोजिन और 457 करोड़ 60 लाख 29 हजार रुपए का प्लाईवुड भारत को निर्यात किया गया है।कुछ महीने पहले तक रुका हुआ प्लाईवुड निर्यात अब जारी है। सीमेंट, प्लाईवुड और अन्य वस्तुओं के निर्यात में कई बार बाधाएं आई हैं। सिद्धार्थ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष नेत्र प्रसाद आचार्य ने कहा कि यदि राज्य ऐसे मामलों पर कूटनीतिक ढंग से बात करे और ऐसा माहौल बनाए जहां निर्यात बिना किसी बाधा के हो सके, तो उद्योगपति न केवल अधिक निर्यात करेंगे बल्कि निर्यातोन्मुखी उद्योग भी स्थापित करेंगे।

रतन गुप्ता उप संपादक

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