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बीजेपी में जो कभी नहीं हुआ, वह अब होगा… इस शख्स का अध्यक्ष बनना तय! UP-बिहार से है विशेष कनेक्शन

रतन गुप्ता उप संपादक——— बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान और धर्मेंद्र प्रधान में से किसी एक का नाम सामने आ सकता है. लेकिन एक नाम ऐसा है, जिसका ..हाइलाइट्सभूपेंद्र यादव बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे.यूपी-बिहार चुनाव में नए अध्यक्ष की भूमिका अहम.बीजेपी अध्यक्ष की घोषणा जुलाई के बाद संभव.कौन होगा बीजेपी का अगला अध्यक्ष? भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चल रही चर्चाओं ने अब जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. बीते एक साल से शीर्ष नेतृत्व में इस बात की मगजमारी चल रही है कि कौन चेहरा होगा, जिसके नेतृत्व में यूपी-बिहार के साथ-साथ 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ा जाए. रेस में वैसे तो कई नामों की चर्चा हो रही है. एक साल के मंथन और चिंतन के बाद अब लगभग तय हो गया है कि बीजेपी के इतिहास में ऐसा कुछ होने जा रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ. सूत्रों के मुताबिक, इस बार बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ एक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में से कोई एक चेहरा बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकता है. अब सवाल यह है कि इन तीन नामों में से एक नाम कौन है, जो बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है? क्या यूपी-बिहार के चुनाव से बीजेपी के भावी अध्यक्ष का संबंध होने वाला है?बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर 2025 में होने हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2027 में होने हैं. दोनों जगहों पर बीजेपी यादव जाति को साधने में लगी है. बिहार में अगर लालू यादव के वोट बैंक में बीजेपी सेंध लगा लेती है तो यूपी में 2027 के चुनाव में एक नरेटिव सेट हो जाएगा. इससे अखिलेश यादव के पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वोट बैंक में बड़ा डेंट लग सकता है. ऐसे में नए अध्यक्ष का चयन न केवल बीजेपी की रणनीति को दिशा देगा, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ तालमेल और संघ की विचारधारा के प्रति समर्पण पर भी निर्भर करेगा.बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष, कौन होगा बीजेपी का अगला अध्यक्ष, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधानजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान तीन दावेदार उभरकर आए हैं.तीन दावेदार, लेकिन किसका दावा सबसे मजबूत?बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान तीन दावेदार उभरकर आए हैं. हाल ही भूपेंद्र यादव के जन्मदिन पर जिस तरह से उन्हें बधाइयां मिली, उससे लगभग तय हो गया है कि भूपेंद्र यादव रेस में सबसे आगे हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. राजस्थान से आने वाले यादव ने उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चुनावी रणनीति को सफलतापूर्वक संभाला है. भूपेंद्र यादव बिहार में कई सालों तक प्रभारी रहे हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति ने बीजेपी को मजबूती दी थी. उनकी आरएसएस से गहरी निकटता और अमित शाह के साथ करीबी रिश्ते उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिले झटके उनके लिए चुनौती बन सकते हैं. फिर भी, उनकी संगठनात्मक क्षमता और मोदी-शाह के साथ बेहतर तालमेल उन्हें इस रेस में आगे रखता है.भूपेंद्र, शिवराज या फिर धर्मेंद्र?मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को संघ का पसंदीदा चेहरा माना जाता है. मध्य भारत में मजबूत पकड़ उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है. सूत्रों के अनुसार, संघ ने पहले भी उन्हें अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था, लेकिन मोदी ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. बिहार और उत्तर प्रदेश में उनकी स्वीकार्यता और सामाजिक समीकरणों को संतुलित करने की क्षमता उनके पक्ष में है.बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष, कौन होगा बीजेपी का केंद्रीय शिक्षा मंत्री और ओडिशा से सांसद धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी इस रेस में प्रमुख है. उनके आरएसएस पृष्ठभूमि और संगठन में लंबे अनुभव के साथ-साथ पूर्वी भारत में बीजेपी को मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी पट्टी राज्यों में उनकी सक्रियता और रणनीतिक कौशल को पार्टी में सराहा जाता है. हालांकि, दक्षिण भारत से अध्यक्ष चुनने की चर्चा के बीच उनका नाम थोड़ा पीछे माना जा रहा है.यूपी-बिहार चुनाव का कनेक्शननवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए अहम हैं. बिहार में महागठबंधन के खिलाफ बीजेपी को मजबूत रणनीति चाहिए और उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद संगठन को फिर से मजबूत करना जरूरी है. नए अध्यक्ष को इन राज्यों में सामाजिक समीकरणों को साधने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की जिम्मेदारी होगी. भूपेंद्र यादव का बिहार में पहले का अनुभव और शिवराज की हिंदी पट्टी में लोकप्रियता उन्हें इन राज्यों के लिए उपयुक्त बनाती है.सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की जुलाई के दूसरे सप्ताह में विदेश यात्रा से वापसी के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है. पार्टी और संघ के बीच सहमति बनने के बाद यह फैसला हिंदू नववर्ष के पहले महीने, अप्रैल 2026 तक टल भी सकता है. नए अध्यक्ष के सामने 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी और डिलिमिटेशन जैसे मुद्दों को संभालने की चुनौती होगी. बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पार्टी के भविष्य और आगामी चुनावों के लिए निर्णायक होगा. भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान और धर्मेंद्र प्रधान में से किसी एक का नाम अंतिम रूप से सामने आने की संभावना है, जिसमें भूपेंद्र यादव का पलड़ा सबसे भारी दिख रहा है

रतन गुप्ता उप संपादक

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