रतन गुप्ता उप संपादक —पिछले 20 महीने से हिंसक वारदातें झेल रहे मणिपुर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस बीच सीएम बीरेन सिंह ने अपने पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया है। जानें मणिपुर हिंसा की वजह और पूरी टाइमलाइन…पिछले 20 महीने से हिंसा और हत्या की घटनाओं की वजह से मणिपुर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इन वारदातों के बाद आखिरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से रविवार, 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया। बता दें कि मणिपुर में मैतेई-कूकी समुदायों के बीच करीब दो साल से जारी लंबे संघर्ष के बीच लगातार सीएम से इस्तीफे की मांग की जा रही थी, लेकिन उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था और कहते रहे कि उनकी सरकार राज्य में शांति कायम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन रविवार, 9 फरवरी 2025 को अचानक वह गृह मंत्री अमित शाह से मिले और फिर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया।इस वजह से भड़की थी हिंसामणिपुर में मैतेई समुदाय लंबे समय से खुद को एसटी कैटगरी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा था और उनकी इस मांग का कुकी समुदाय लंबे समय से विरोध कर रहा था। बता दें कि मणिपुर में मैतेई प्रमुख जातीय समूह है और कुकी सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है। इसी मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा था और यह तब बढ़ गया जब मणिपुर में आदिवासी समूहों ने 28 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के चुराचांदपुर दौरे से कुछ दिन पहले बेदखली का विरोध किया था लेकिन बेदखली अभियान शुरू हो गए थे। कथित रूप से चर्चों को ध्वस्त किया गया था और इसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहा था। इसी के बाद मणिपुर में हिंसक वारदातें शुरू हो गईं थीं।जानिए अबतक की पूरी टाइमलाइन7 नवंबर, 2022: मणिपुर सरकार ने साल 1970 और 1980 के पिछले आदेशों को दरकिनार करते हुए एक आदेश पारित किया, जिसमें प्रस्तावित चुराचंदपुर-खौपुम संरक्षित वन से गांवों को बाहर रखा गया था।फरवरी 2023: राज्य सरकार ने चुराचंदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल जिलों में वनवासियों को अतिक्रमणकारी घोषित करते हुए बेदखली अभियान शुरू किया था।मार्च 2023: मणिपुर कैबिनेट ने तीन कुकी उग्रवादी समूहों के साथ ऑपरेशन के निलंबन समझौते से हटने का फैसला किया।10 मार्च 2023: मणिपुर सरकार कुकी नेशनल आर्मी और जोमी रिवोल्यूशनरी फ्रंट के साथ ऑपरेशन के निलंबन समझौते से पीछे हट गई।20 अप्रैल 2023: मणिपुर हाईकोर्ट के एक जज ने राज्य सरकार को “मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने के अनुरोध पर विचार करने” का निर्देश दिया।28 अप्रैल 2023: मणिपुर के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई और इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।मई 2023: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच 3 मई, 2023 को भड़की जातीय हिंसा की वजह से कम से कम 221 मौतें और 60,000 लोग विस्थापित हुए। हिंसा में आगजनी, बर्बरता, दंगा, हत्या और सामूहिक बलात्कार की घटनाएं भी सामने आईं। कांगपोकपी जिले के सैकुल में करीब 11 लोग घायल हो गए और दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई।मई 2023: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि म्यांमार से कुकी लोगों के आने से मणिपुर के मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई।3 मई 2023: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी, जिसकी वजह से मौतें और विस्थापन शुरू हो गया। अखिल आदिवासी छात्र संघ मणिपुर (ATSUM) द्वारा मैतेई लोगों की एसटी दर्जे की मांग का विरोध करने के लिए “आदिवासी एकजुटता मार्च” आयोजित किया गया, जहां से फिर से हिंसा की शुरुआत हुई।3 मई 2023: मणिपुर के अखिल आदिवासी छात्र संघ (ATSUM) द्वारा आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च में हजारों लोग शामिल हुए और यह मार्च मैतेई को एसटी कैटगरी में शामिल किए जाने के विरोध में आयोजित किया गया था। अनुमान है कि इस रैली में 60,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। रैली के दौरान चुराचांदपुर के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी।4 मई 2023: मणिपुर सरकार ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया और हिंसा को रोकने के लिए सेना, सीआरपीएफ, असम राइफल्स और राज्य पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई।जुलाई 2023: मई में हुए एक हमले का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया, जब दो कुकी महिलाओं को उनके गांव को नष्ट करने के तुरंत बाद मैतेई पुरुषों द्वारा नग्न अवस्था परेड कराया गया। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद देशभर के कई शहरों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी हुए।20 जुलाई 2023: मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य में इंटरनेट की पहुंच को सीमित करने के अपने फैसले का बचाव किया।29 जुलाई 2023: सीबीआई ने कुकी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाए जाने के मामले को अपने हाथ में लिया।अगस्त 2023: दो दौर की औपचारिक वार्ता के बाद कुकी और मैतेई समूहों द्वारा एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
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