रतन गुप्ता उप संपादक ——महराजगंज के बागापार जंगल से सटे गांवों के किसान इन दिनों जानवरों के आतंक से परेशान हैं। ठंड के मौसम में रतजगा कर फसलों की रखवाली कर रहे हैं।झुंड में नीलगाय, सूअर, बंदर, हिरन जिस भी खेत में घुस जा रहे हैं, उस खेत को भारी क्षति पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि फसल अपने पैरों से रौंद भी दे रहे हैं।सदर ब्लाॅक के ग्राम बागापार के किशोरपुर, बनहिया, अमरुआ, अवधपुर, लक्ष्मीपुर, कोदईपुर, पिपरा, रामपुर, बहेरवा, शिवपुर, शंकरपुर, कटहरा, कंचनपुर, रामनगर, रामपुर बुजुर्ग, बेलवाकाजी, चाफी टोला, बरगदवा राजा, फुर्सतपुर, केवलापुर खुर्द, अराजी जगपुर, परसिया, परासखांड़, झुंगवा आदि गांव जंगल से सटे हुए हैं।जंगल से सटे होने के कारण रात में जंगली जानवर नीलगाय, सूअर, बंदर, गेहूं, आलू, तिलहन, दलहन आदि फसलों को बर्बाद कर दे रहे हैं। किसान रात-रात भर जागकर अपने फसलों की रखवाली कर रहे हैं।हालत यह है कि किसान खेतों में ही अपना घर बना लिए हैं। समाजसेवी विश्वनाथ यादव, मिथिलेश सिंह, विद्यासागर यादव, मधुबन मौर्य, कमालुद्दीन, अंगद चौहान, टुन्ना यादव, अवधेश कुमार, दीपक शर्मा आदि लोगों ने बताया कि गेहूं की फसल की सिंचाई हुई है। रात में सैकड़ों की संख्या में जानवर जंगल से निकलकर गांवों की तरफ आ रहे हैं। लोगों ने कहा कि हर साल जंगली जानवरों से लाखों का नुकसान होता है, लेकिन जिला प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं देता है।लोगों ने कहा कि अगर जंगल के किनारे कंटीले तारों का बाड़ लगाया जाता या सुरक्षा खाई खोदवाई जाती तो नीलगाय जंगल से बाहर नहीं निकल पातीं और उनके फसलों को नुकसान नहीं पहुंचता।
रतन गुप्ता उप संपादक