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महाकुंभ जाने वाला हर रास्ता जाम, स्टेशन भी बंद, हज़ारों यात्री मार्ग में फंसे

रतन गुप्ता उप संपादक ——– संगमनगरी प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 को लेकर भक्तों का उत्साह थमने का नाम नहीं ले रहा है। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं आई है। माना जा रहा था कि नागा साधुओं की विदाई के बाद भीड़ कम हो जाएगी, लेकिन इसके उलट संगम नगरी में आस्था का ज्वार बढ़ता ही जा रहा है।महाकुंभ मेले में वीआईपी मूवमेंट के बढ़ने से शहर में यातायात प्रभावित हो रहा है। 5 फरवरी तक प्रयागराज में वीआईपी प्रोटोकॉल को बंद कर दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 फरवरी को संगम स्नान के बाद से लगातार वीआईपी मूवमेंट तेज हो गया है। अब हर दिन कोई न कोई विशिष्ट व्यक्ति संगम स्नान के लिए पहुंच रहा है, जिससे यातायात पर दबाव बढ़ गया है। माघी पूर्णिमा स्नान, जो 12 फरवरी को होना है, तक इसी स्थिति के बने रहने की संभावना है। महाकुंभ मेले की भारी भीड़ के चलते प्रयागराज में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रमुख सड़कों पर जाम की स्थिति बनी हुई है, जिससे आमजन का आवागमन बाधित हो रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद कर दिया है। अब यात्रियों को प्रयागराज जंक्शन या अन्य रेलवे स्टेशनों से अपनी यात्रा करनी पड़ रही है।महाकुंभ मेले में इस बार 144 वर्षों के बाद बना दुर्लभ संयोग श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। संगम क्षेत्र में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है, जिससे शहर की सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हाईवे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों तक वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। लोगों को संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। रविवार को बिना किसी स्नान पर्व के ही श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज जंक्शन की ओर बढ़ने लगी, जिससे रेलवे और प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए। मौनी अमावस्या के दौरान लागू की गई आपातकालीन योजना को फिर से सक्रिय किया गया। भीड़ को सीधे जंक्शन पहुंचने से रोकने के लिए खुसरोबाग की ओर डायवर्ट किया गया।यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने विशेष ट्रेनों का संचालन किया। मकर संक्रांति स्नान पर्व पर 101 विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं, जबकि रविवार को 107 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया। उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि भीड़ नियंत्रण को लेकर प्रशासन से बातचीत के बाद संगम रेलवे स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद करने का फैसला लिया गया है। प्रयागराज को जोड़ने वाले सभी प्रमुख हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, रीवा और कानपुर की ओर जाने वाले मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ है। हाईवे के किनारे बनाए गए अस्थायी पार्किंग स्थल पूरी तरह भर चुके हैं, जिससे श्रद्धालुओं को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए सिविल और ट्रैफिक पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती करनी पड़ी है।भीषण भीड़ और कठिनाइयों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। बच्चे और महिलाएं भूखे-प्यासे रहकर भी महाकुंभ के दिव्य वातावरण में शामिल होने के लिए आतुर दिख रहे हैं। इस आयोजन ने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। प्रशासन लगातार भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन भक्तों की बढ़ती संख्या इसे और चुनौतीपूर्ण बना रही है।प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा है, जिससे शहर में यातायात और प्रशासनिक व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है। वीआईपी मूवमेंट और प्रमुख स्नान पर्वों के कारण स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन अपनी ओर से बेहतर प्रबंधन करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जाम और भीड़ की समस्या फिलहाल बनी रहने की संभावना है।

रतन गुप्ता उप संपादक

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