रायबरेली संवाददाता संदीप मिश्रा की रिपोर्ट
रायबरेली। जिले की पुलिस महिलाओं को न्याय दिलाने में कितनी सक्रिय रहती है की आरोपी माननीय न्यायालय में आत्म समर्पण भी कर दे तो उसे पता नही चलता है जिसका जीता जागता उदाहरण मिल एरिया की पुलिस और उसका सिस्टम बताता है। क्षेत्र के शक्तिनगर की एक युवती ने आदित्य धीमान पर दो वर्षो से यौन शोषण करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तमाम हीला हवाली के बाद बीएनएस की धारा 69 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया लेकिन आज एक महीने बीतने को आ रहे है पुलिस आदित्य धीमान को अपनी गिरफ्त में नही ले पाई । एक ओर पुलिस सूत्रों की माने तो आदित्य अपना मोबाइल बंद करके फरार है। वही आदित्य धीमान ने न्यायालय में भी आत्म समर्पण के लिए प्रार्थना पत्र डाल चुका है। तो इससे साफ पता चलता है आखिर पुलिस किस मुस्तैदी से आदित्य धीमान की खोज खबर लगा रही है। नही तो क्या कारण है की मिल एरिया की पुलिस उसे हिरासत में भी नही ले पा रही है जबकि आदित्य धीमान का कोई अभी तक का अपराधिक इतिहास भी सामने नहीं आया है जिससे यह समझा जा सके की वह इतना शातिर है की थाने की पुलिस को चकमा दे रहा है । वो भी योगी जी की सरकार में जहां अपराधी पताल से भी खोज निकाले जाते है। तो क्या यह समझा जाए की आदित्य को पकड़ने में पुलिस मोबाइल बंद होने का बहाना बताकर अपनी किरकिरी से बच रही है। जबकि पीड़िता लगातार अपने साथ हुए अन्याय की फरियाद न्यायालय में भी 164 के तहत दर्ज करवा चुकी है। विधिक जानकारों का मानना है की इस तरह के महिलाओ के साथ हो रहे अपराधों में पुलिस की लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। यदि आरोपी अपराधिक मानसिकता वाला हुआ तो बीएनएस की धारा 69 में दस साल तक की सजा का प्राविधान है आरोपी के मन में यह भी बात आ सकती है की जेल ही जाना है तो आरोप या जिस कारण जेल जाना पड़ रहा है उसे ही वह मिटा सकता है। लेकिन पुलिस भी है शायद उसे भी इस मामले में बड़ी घटना का इंतजार है।
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