गुप्ता उप संपादक —– यूपी के 68 माफियाओं पर कार्रवाई की रिपोर्ट शासन ने तलब की है। गोरखपुर के चार माफिया इस सूची में शामिल हैं। एक का एनकाउंटर हो चुका है। सुधीर सिंह, राकेश यादव और राजन तिवारी के साथ रामू द्विवेदी का नाम इसमें है। माफियाराज के खात्मे को 2022 में बनी थी प्रदेशस्तरीय सूची।यूपी के 68 माफियाओं पर कार्रवाई की रिपोर्ट तलब, माफियाराज के खात्मे को 2022 में बनी थी सूचीप्रदेशस्तरीय 68 माफिया और उनके गैंग के सदस्यों खिलाफ पिछले 21 महीने में क्या कार्रवाई की गई है? शासन ने सभी जिलों से इसका ब्योरा तलब किया है। जिलों से पूछा गया है कि इनमें से कितने माफिया के खिलाफ अब तक कार्रवाई की गई। कितनों की सम्पत्ति जब्त हुई है और कितने माफिया को पुलिस सजा दिलाने में कामयाब रही है। प्रदेशस्तरीय सूची घोषित करने के बाद पांच माफियाओं पर पिछले साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी जबकि 12 माफिया पर कार्रवाई का सिर्फ कोरम पूरा किया गया था।दरअसल, यूपी में अपराध पर लगाम और माफियाराज खत्म करने के लिए 25 मार्च 2022 को प्रदेशस्तरीय माफियाओं की सूची तैयार की गई थी। इस सूची में प्रदेशभर के 68 माफिया शामिल किए गए थे। जिसमें गोरखपुर के चार और देवरिया के एक माफिया का भी नाम शामिल किया गया था। गोरखपुर के चार माफिया में से विनोद उपाध्याय एनकाउंटर में मारा जा चुका है जबकि सुधीर सिंह, राकेश यादव और राजन तिवारी कार्रवाई के दायरे में हैं। वहीं देवरिया/लखनऊ से रामू द्विवेदी का नाम भी इस सूची में है। कार्रवाई की समीक्षा के क्रम में शासन ने रिपोर्ट तलब की है।सूची में शामिल गोरखपुर/देवरिया से यह माफियापूर्व विधायक राजन तिवारी को पुलिस ने 2020 में गैंगस्टर के एक मामले में गिरफ्तार किया था। राजन तिवारी वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर है। उनके मुकदमों में पुलिस पैरवी कर रही है। संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवदी, पर देवरिया/लखनऊ में कई केस दर्ज हैं। रामू द्विवेदी पर दर्ज मुकदमों में दोनों जिलों की पुलिस पैरवी कर रही है। सुधीर सिंह पर गोरखपुर सहित कई जिलों में केस दर्ज है। सुधीर सिंह को कुछ महीने पहले आर्म्स एक्ट के मामले में सजा हुई है। वह जमानत पर बाहर है। राकेश यादव को दो मामलों में सजा हुई है। विनोद उपाध्याय फरारी के दौरान एनकाउंटर में मारा गया था। गिरोह में शामिल अन्य लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।पिछले साल तक 17 माफियाओं की कार्रवाई में रही नरमीपिछले साल तक 68 में से 17 माफियाओं पर उनके जिले की पुलिस द्वारा नरमी बरते जाने का मामला सामने आया था। इनमें पांच ऐसे थे जिनके खिलाफ शून्य कार्रवाई हुई थी। 12 माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का सिर्फ कोरम ही पूरा किया गया था। 17 माफियाओं में विनय त्यागी उर्फ टिक्कू के अपराध का कार्यक्षेत्र मुजफ्फरनगर के साथ मेरठ भी बताया गया है तो वहीं रामू द्विवेदी का देवरिया के साथ आपराधिक कार्यक्षेत्र लखनऊ भी है। लिहाजा इन दोनों के खिलाफ मेरठ और लखनऊ पुलिस से भी कार्रवाई करने के लिए कहा गया
यूपी के 68 माफियाओं पर कार्रवाई की रिपोर्ट तलब, माफियाराज के खात्मे को 2022 में बनी थी सूची
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