रतन गुप्ता उप संपादक ——-राजधानी दिल्ली की जनता आज अपनी अगली सरकार की प्रतिक्षा कर रही है. केंद्र शासित प्रदेश की सभी 70 सीटों पर आज एक ही चरण में मतदान हुआ था. दिल्ली के 1.56 करोड़ मतदाताओं ने तक़रीबन 700 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया हैं. अब दिल्ली की जनता ने किस पर अपना विश्वास जताया है ये फैसला आज 8 फरवरी को देश के सामने आ जाएगा. रुझानों में बीजेपी 42 और AAP 25 सीटों पर आगे है, वहीं कांग्रेस एक सीट पर आगे है.इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बीते 11 वर्षों से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार चौथी बार सत्ता में आने का रिकॉर्ड बनाएगी, या फिर भाजपा उलटफेर कर देगी ? वहीं, देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस भी अपने खोए वोट बैंक को फिर से पाने की उम्मीद कर रही है. ऐसे में ये मुकाबला त्रिकोणीय है और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है.उल्लेखनीय है कि, बीजेपी 25 साल से ज्यादा समय से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, वहीं कांग्रेस, अरविन्द केजरीवाल से पहले 15 साल दिल्ली सरकार चला चुकी है. किन्तु ये भी हैरानी करने वाली बात रही है कि, दिल्ली में दबदबा रखने वाली कांग्रेस, पिछले दो चुनावों में पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है. इसका कारण वोटर्स का ध्रुवीकरण माना जा रहा है, जो मुस्लिम मतदाता एकतरफा कांग्रेस को वोट करते हैं, वो दिल्ली में AAP की तरफ झुक गए हैं . ऐसे में ये भी देखने लायक होगा कि ओवैसी के उम्मीदवार क्या कर पाते हैं? क्या उन्हें वोट मिलते हैं, या फिर एक रणनीति के तहत मतदान हुआ है, जहाँ वोटों को इकठ्ठा कर एक ऐसी पार्टी के पाले में डाला गया हो, जो सरकार बनाती दिख रही है. कुछ एग्जिट पोल्स की मानें तो दिल्ली में इस बार उलटफेर होता दिख रहा है। भाजपा सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में अपना दूसरा मुख्यमंत्री बनती दिख रही है। किंतु , अभी रुझान हैं। पक्के नतीजे क्या होंगे ये जल्द ही स्पष्ट होगा
रतन गुप्ता उप संपादक