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शासन और प्रशासन के गाइडलाइन पर ही होली वाले दिन अदा की जायेगी जुमे की नमाज, गोरखपुर ने हमेशा से ही आपसी भाईचारे और एकता का परिचय दिया है ,गंगा-जमुनी संस्कृति और आपसी स्वभाव को दृष्टिगत रखते हुए रमजान के दूसरे जुमे की नमाज को अदा करें

अवधेश पांडेय उप संपादक गोरखपुर—— मस्जिद हसनैन (यतीमखाना) घासीकटरा में होली जुलूस रुट पर पड़ने वाली मस्जिदों के इमामों, मोअज्जिमों, मस्जिद के सेक्रेटरियों और नमाजियों की बैठक मस्जिद हसनैन के इमाम रजब अली की अध्यक्षता में हुई। संचालन इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुलाह ने किया। बैठक में सभी ने एक स्वर में कहा कि शासन और प्रशासन की तरफ से आई हुई गाइडलाइन पर ही होली वाले दिन जुमे की नमाज अदा की जायेगी। बैठक को संबोधित करते हुए इमाम रज़ब अली ने कहा कि गोरखपुर ने हमेशा से ही आपसी भाईचारे और एकता का परिचय दिया है। ऐसे में महानगर के सभी मस्जिद कमेटियों से होली के दिन रमजान के दूसरे जुमे की नमाज शासन और प्रशासन के गाइडलाइन के अनुसार ही दोपहर 2:30 बजे सभी मस्जिदों में अदा करने की अपील की गयी। उन्होंने कहा कि आगामी 14 मार्च को होली और रमजान महीने का दूसरा जुमा पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज को अदा करने का समय एक टाइम के लिए बदल दिया गया है। बैठक को संबोधित करते हुए इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह ने कहा कि समस्त मस्जिदों के इमामों से अपील किया गया है कि होली वाले दिन जुमे की नमाज को एकता और भाईचारे के साथ अदाकर मिसाल कायम करें।‌ उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज मुसलमानों की अहम जमात है, दोपहर तक होली खेली जाती है और होली उत्सव का जुलूस संपन्न हो जाता है। विभिन्न होली उत्सव समितियां के प्रतिनिधियों ने भी जुमे की नमाज का ख्याल करते हुए अपने होली उत्सव को समय से सम्पन्न कर लेने का फैसला किया है।मस्जिद हसनैन के नायब सेक्रेटरी मुहम्मद अहमद सैफूर ने कहा कि इस वर्ष 14 मार्च 2025 को होली उत्सव के अवसर पर निकलने वाला जुलूस जो को ध्यान में रखते हुए गंगा-जमुनी संस्कृति और आपसी स्वभाव को दृष्टिगत रमजान के दूसरे जुमे की नमाज को शासन और प्रशासन के जारी गाइडलाइन पर नमाज अदा किया जायेगा।इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी, साहित्य प्रेमी मुर्तजा हुसैन रहमानी ने कहा कि इस वर्ष 14 मार्च को पड़ने वाले जुमे की नमाज के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है कि होली के रंगोत्सव के बाद ही जुमे की नमाज अदा की जायेगी। ताकि दोनों समुदाय अपने-अपने त्योहारों को शांति और उल्लास के साथ मना सकें। जो गोरखपुर के सांप्रदायिक स्वभाव की मिसाल भी है।इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के सचिव शकील अहमद अंसारी ने कहा कि गोरखपुर ने हमेशा से ही आपसी भाईचारे और एकता का परिचय दिया है।विभिन्न समुदाय ने मिलजुल कर अपने त्योहारों को आगे पीछे कर आपसी सौहार्द बनाए रखा है। यही गोरखपुर की खासियत भी है।बैठक में मुख्य रूप से मौलाना मुहम्मद इकराम, मुहम्मद असलम खान, मुहम्मद आमिर रिक्की, मुतवल्ली मुहम्मद मुस्तफा, जमील, कामरान कमाल, मुहम्मद युनुस अंसारी, मुहम्मद हफीज, बशीर अहमद, अब्दुर्रहमान, सैफ खान, मुस्तफा हुसैन, ओसामा कमाल, वासिक खान, फरीश, मुहम्मद रिजवान कादरी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

अवधेश पांडेय उप संपादक गोरखपुर

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