
सच्चे दिल से याद करने पर मिलती है गौस पाक की मदद : सज्जाद अली रहमानी
गोरखपुर। हुजूर गौस -ए- आजम की याद में ग्यारहवीं शरीफ को जाफरा बाजार स्थित हजरत सैयद गाजी मोमिन शीश अली शाह रहमतुल्लाह अलैह के शीश महल दरगाह पर शान -ओ- शौकत के साथ मनायी गयी।
शीश महल दरगाह के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी ने नियाज फातेहा के साथ ही दरूदों सलाम का नजराना -ए- अकीदत पेश किया गया।
इस मौके पर गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी ने कहा कि पीराने पीर दस्तगीर हुजूर अब्दुल कादिर जीलानी महबूबे सुब्हानी हुजूर गौस पाक की जिंदगी बेशुमार करामतों से भरी हुई है। गौस पाक के चाहने वाले उन्हें सच्चे दिल से जहां याद कर लेते हैं गौस पाक की मदद उन्हें पहुंचती है। उन्होंने गौस पाक की जिंदगी के तमाम पहलुओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि गौस-ए- आजम को वह मुकाम हासिल है जो किसी अन्य वली को नहीं मिला। इसलिए गौस -ए- आजम ने फरमाया मेरा यह कदम अल्लाह के हर वली की गर्दन पर है, यह सुन कर संसार के सभी वलियों ने अपनी गर्दन झुका ली।गौस -ए- आजम परहेजगार, इबादत गुजार, पाकीजा, पाक व अल्लाह वालों के इमाम हैं। आप के हुक्म पर आम इंसान ही नहीं बल्कि सभी वली भी अमल करते हैं। अल्लाह ने गौस -ए- आजम को वह बलुंद मुकाम अता फरमाया है कि वह अपनी नजर -ए- वलायत से सब कुछ देख लेते हैं। जहां तक किसी आम इंसान की नजर, अक्ल व सोच भी नहीं जाती है।
इस मौके पर ऑल इण्डिया उर्स कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहम्मद रजा लड्डन खान एवं महासचिव असरार आलम ने कहा कि गौस -ए-आजम की मजलिस में चाहने वालों का मजमा लगा होता था। लेकिन आपकी आवाज में अल्लाह ने वह असर दिया था कि जैसे नजदीक वालों को आवाज सुनाई देती थी। आपके पास बेशुमार इल्म था, जिसका फायदा दुनिया को मिला और इस्लाम नये सिरे से जिंदा हुआ।
इस मौके पर मुख्य रूप से अय्यूब, मुहम्मद युनूस अंसारी, महफूज आलम, शमशाद, इम्तियाज अहमद, रियाज अहमद, जुल्फेकार हुसैन, मुर्तजा हुसैन रहमानी, अरशद वारसी आदि लोग मौजूद थे।