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शुक्लाफांटा क्षेत्र में सेना की चौकी पर भारतीयों ने किया अतिक्रमण

नेपाल,भारत सिमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी का रिपोर्ट
15/06/2025

काठमाण्डौ,नेपाल – शुक्लाफांटा राष्ट्रीय उद्यान में पंछी ताल के पास के क्षेत्र में सेना की चौकी स्थापित की गई है, जहां भारतीय नागरिक अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं। उद्यान की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में नई सेना की चौकी स्थापित की गई है।

सीमा स्तंभ 27 और 28 के बीच सहायक सीमा चौकी के नष्ट हो जाने के कारण भारतीय पक्ष क्षेत्र में अतिक्रमण कर खेती कर रहा था।

पार्क के संरक्षण अधिकारी पुरुषोत्तम वागले ने बताया कि इसी क्षेत्र में जेष्ठ के प्रथम सप्ताह में चौकी स्थापित की गई थी। उनके अनुसार जिस क्षेत्र में चौकी स्थापित की गई है, वहां सड़कें न होने के कारण गश्त करने में दिक्कत आ रही है। वागले का कहना है कि एक सीमा स्तंभ से दूसरे तक पैदल जाने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है।

‘भारतीय उस क्षेत्र में खेती कर रहे हैं, जहां सहायक सीमा स्तंभ गायब हो गया है,’ वागले ने कहा, ‘एसएसबी भी कह रही है कि सीमा स्तंभ न होने के कारण समस्या है, और उन्होंने भारतीय नागरिकों को हटाने में कोई मदद नहीं की है।’ उनके अनुसार, मानसून के दौरान बाढ़ आने के कारण भारतीय नहीं आते हैं। लेकिन सर्दियों में वे ट्रैक्टर लेकर आते हैं और गेहूं बोते हैं। पार्क का अनुमान है कि उस क्षेत्र में करीब 900 बीघा जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। हालांकि, जब गूगल पर देखा जाता है, तो पता चलता है कि करीब 400 बीघा जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, ऐसा संरक्षण अधिकारी वागले ने कहा।

शुक्लफांटा राष्ट्रीय उद्यान में पंछी ताल के पास सर्दियों में भारतीयों द्वारा गेहूं की खेती। फाइल फोटो, सौजन्य: शुक्लाफांटा राष्ट्रीय उद्यान

फिलहाल, चौकी स्थान से सभी क्षेत्रों में गश्त करना संभव नहीं है। वागले का कहना है कि मानसून के दौरान बाढ़ के अलावा, सड़क और पुल की समस्याओं के कारण अन्य समय में सभी स्थानों पर पहुंचना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह सभी क्षेत्रों में नहीं है, इसलिए कम से कम उस क्षेत्र में अतिक्रमण तो रुकेगा, जहां चौकी स्थापित है।’ ‘यदि क्षेत्र में गश्त के लिए एक और चौकी या सड़क और पुल बनाया जा सके, तो सभी क्षेत्र सुरक्षित हो जाएंगे।’ देखा गया है कि उस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी झाड़ियां और सरकंडे होने के कारण आने-जाने में दिक्कतें हो सकती हैं।

चौकी पर नेपाली सेना के साथ-साथ पार्क के कर्मचारी भी तैनात हैं। अभी जो चौकी स्थापित की गई है, वह शुक्लाफांटा चौकी से चार से पांच किलोमीटर दूर है। हालांकि, सड़क की समस्या के कारण आने-जाने में दिक्कतें आ रही हैं। यह भी तय नहीं है कि सुरक्षाकर्मी वहां रह पाएंगे या नहीं, क्योंकि बरसात में यहां पानी भर जाता है।

संरक्षण अधिकारी वागले का कहना है कि मुख्य बात यह है कि क्षेत्र में अतिक्रमण को स्थायी रूप से हटाने और विवाद को सुलझाने के लिए सहायक सीमा स्तंभ की तलाश की जाए। एसएसबी भी खेती कर रहे भारतीय नागरिकों को रोकने में असहयोगी रही है, उनका कहना है कि जिन स्थानों पर सहायक सीमा स्तंभ नहीं है, वहां नेपाली और भारतीय क्षेत्र में अंतर करना असंभव है।

पार्क और खेती पर भारतीयों के अतिक्रमण का मुद्दा संसद में भी उठा था। फिर पार्क की टीम के साथ जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की टीम भी अतिक्रमण वाले इलाके में पहुंची। इस मुद्दे पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से भी चर्चा हुई।

शुक्लफांटा नेशनल पार्क में पंछी ताल के पास के इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए नेपाली सेना की चौकी बनाई गई।

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