जीरो टॉलरेंस नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार के तपिश में डूबता सुशासन- तीसरी आंख
सरकार अहिंसात्मक आंदोलन के चीर हरण पर आमादा- रामचन्द्र दुबे
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में निरंकुश भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन के पद चिन्हों पर चलते हुए सत्याग्रह संकल्प के 1256 वें दिन सत्याग्रह पर बैठे सत्याग्रहियों ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का सफाया करने में नाकाम व अक्षम है उसे भ्रष्टाचार को संवैधानिक दर्जा देने की आवश्यकता है ताकि विश्व पटल पर भ्रष्टाचार के रेखांकित सूचीबद्ध से अपने देश के नाम को हटाया जा सके। समझ में नहीं आ रहा है कि वर्तमान सत्ताधारियों को भ्रष्टाचार से इतनी गलबहियाँ क्यों है? लगता है वर्तमान समय की राजनीति भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की गई अकूत अर्जित धनराशि पर आधारित है वरना भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस का शंखनाद करने का स्वांग रचने वाली सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण प्रदान नही करती।
सत्याग्रह पर बैठे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि वर्तमान सरकार नागरिकों की मूलभुत सुविधाओं का अपरहण कर आम नागरिकों को जातिय और धार्मिक विद्वेष में उलझा कर सांस्कृतिक सौहार्द और आपसी भाईचारे में मतभेद पैदा कर सत्ता में काबिज रहने के कूट रचित षड्यंत्र को अंजाम दे रही है, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि सरकार की वर्तमान कार्यशैली देश की एकता एवं अखंडता को खंडित करने का परिचायक है। बड़े खेद के साथ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अहिंसात्मक आंदोलन का वजूद आज खतरे में है और शासक, प्रशासक अपनी निजी स्वार्थ में भ्रष्टाचार की नंगी नाच खेलने में मदमस्त है जिसका सहज अंदाजा लोक निर्माण विभाग गोरखपुर में सीएजी रिपोर्ट आधारित भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रचलित सत्याग्रह संकल्प पर शासकीय प्रशासकीय तंत्र द्वारा अब तक संज्ञान में नहीं लिए जाने के कार्यशैली से किया जा सकता है।
सत्याग्रह स्थल पर तबस्सुम,रामचंद्र दुबे, कुशीनगर जिला अध्यक्ष पवन कुमार गुप्ता, शशिकांत माथुर, चंद्रप्रकाश मणि, गिरजा शंकर चौधरी, वीरेंद्र वर्मा, राजेश्वर पांडे व अन्य लोग उपस्थित थे।