रतन गुप्ता उप संपादक 29/10/2024
30 साल बाद कुशीनगर के लोगों को मिला दिल का डॉक्टर, यहां होगी मुलाकात प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार कुशीनगर अभी तक हृदय रोग विवेशज्ञ से अछूता थाl अब हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के लोग मोहब्बत में तो एक दूसरे के दिलों का ख्याल बखूबी रखते हैं लेकिन सेहत के मामले में उनके दिलों का ख्याल रखने वाला अभी तक कोई नहीं थाl कुशीनगर के जिला बनने के 30 साल बाद भी कुशीनगर में कोई हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं थाl ऐसे में हार्ट से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए लोग बड़े शहरों का रुख करने को विवश थेl हालांकि, अब जिले को डॉक्टर धनंजय मिश्रा के रूप में पहला हृदय रोग विशेषज्ञ मिल गया है.बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से डीएम कार्डियो की डिग्री लेने के बाद डॉक्टर धनंजय मिश्रा कुशीनगर मेडिकल कॉलेज में सेवा देना शुरू कर चुके हैंl पहले दिन उन्होंने अपनी ओपीडी में 50 मरीजों का इलाजं भी किया.अक्सर आपने देखा होगा कि बड़ी डिग्री लेने के बाद लोग बड़े शहरों का रुख करते है लेकिन कुशीनगर के छोटे से गांव तमकुही राज के रहने वाले डॉक्टर धनंजय मिश्रा ने इससे हट कर अपनी जन्मभूमि को ही कर्मभूमि चुन लियाl प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार कुशीनगर अभी तक हृदय रोग विवेशज्ञ से अछूता थाl अब कुशीनगर में शासकीय मेडिकल कालेज की स्थापना हो चुकी और हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ धनंजय मिश्रा हृदय के मरीजों का इलाज भी शुरू कर चुके हैंभारत में कोविड के बाद हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़े हैं और एक आंकड़े के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 30,000 लोग हार्ट अटैक से अपनी जान गवा देते हैं. हैरत की बात तो ये है कि न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि युवा भी इसके शिकार हो रहे हैंl अक्सर ख़बरें आती हैं जब युवा कभी जिम में, कभी एक्सरसाइज करते हुए तो कभी रास्ता चलते हुए हार्ट अटैक के शिकार होते हैंl ऐसे में हृदय रोग विशेषज्ञ की कमी के कारण अक्सर उनकी जान चली जाती हैl कुशीनगर भी इससे अछूता नहीं थाlडॉक्टर से बातचीत की तो उन्होंने कहा कुशीनगर उनकी जन्मभूमि है और यहां के लोगों का इलाज करना उनके लिए फक्र की बात हैl
रतन गुप्ता उप संपादक
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